नई दिल्ली, 21 सितम्बर (हि.स.)। भारतीय और इंडोनेशियाई नौसेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास ‘समुद्र शक्ति’ का तीसरे संस्करण सुंडा जलडमरूमध्य के इलाके में शुरू हुआ है। बुधवार तक चलने वाले इस अभ्यास में भाग लेने के लिए भारतीय नौसेना के जहाज शिवालिक और कदमत इंडोनेशिया के जकार्ता पहुंचे हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री संचालन में आपसी समझ और अंतर-संचालन को बढ़ाने के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। यह अभ्यास सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करने और समुद्री सुरक्षा अभियानों से जुड़ी सामान्य समझ विकसित करने के लिए एक उपयुक्त मंच भी प्रदान करेगा।
इंडोनेशियाई नौसेना के साथ अभ्यास में भाग लेने वाले भारतीय नौसेना के जहाज शिवालिक और कदमत क्रमशः नवीनतम स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित मल्टी-रोल गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रिगेट और एंटी-सबमरीन कार्वेट हैं। दोनों जहाज पूर्वी नौसेना कमान के तहत विशाखापत्तनम में स्थित भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का हिस्सा हैं। भारतीय नौसेना का पनडुब्बी रोधी युद्ध में सक्षम लंबी दूरी का समुद्री टोही विमान पी-8आई भी अभ्यास में भाग ले रहा है। इंडोनेशियाई नौसेना का प्रतिनिधित्व केआरआई बंग तोमो, केआरआई मलहायती एवं समुद्री गश्ती और टोही विमान सीएन-235 कर रहे हैं।
भारत की एक्ट ईस्ट नीति के अनुसरण में अभ्यास ‘समुद्र शक्ति’ की कल्पना 2018 में द्विपक्षीय आईएन-आईडीएन अभ्यास के रूप में की गई थी। यह अभ्यास पिछले दो संस्करणों में जटिलता के मामले में काफी उन्नत हो गया है और इसमें मिलिट्री इंटरडिक्शन ऑपेरशन (एमआईओ), क्रॉस डेक लैंडिंग, एयर डिफेंस सिरियल्स, प्रैक्टिस वीपन फायरिंग, रिप्लेनिश्मेन्ट अप्रोच और सामरिक युद्धाभ्यास सहित जटिल समुद्री अभियानों का संचालन शामिल होगा। मौजूदा नीतियों के तहत ‘समुद्र शक्ति’ अभ्यास का तीसरा संस्करण दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करने और पूरे इंडो पैसिफिक में दोस्ती के मजबूत बंधन बनाने का प्रयास है।