नई दिल्ली, 11 जनवरी (हि.स.)। मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले के बाद पुनर्गठित की गई तटीय सुरक्षा को परखने के लिए भारतीय नौसेना 12-13 जनवरी को अखिल भारतीय तटीय रक्षा अभ्यास ‘सी विजिल-21’ चलाएगी। 2019 से शुरू हुए इस द्विवार्षिक अभ्यास में भारत के 7516 किलोमीटर लम्बे सभी 13 समुद्र तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया जाएगा। इसमें तटीय और विशेष आर्थिक क्षेत्र के अलावा मछुआरे एवं तटीय समुदायों सहित अन्य समुद्री हितधारक शामिल होंगे।
नौसेना प्रवक्ता के अनुसार भारत की लम्बी समुद्री भौगोलिक सीमा में होने वाला यह अभ्यास इसमें शामिल हितधारकों, भाग लेने वाली इकाइयों की संख्या और उद्देश्यों के संदर्भ में अभूतपूर्व है। यह थिएटर लेवल रेडीनेस ऑपरेशनल एक्सरसाइज (ट्रोपेक्स) है जो भारतीय नौसेना हर दो साल में आयोजित करती है। ‘सी विजिल’ और ’ट्रोपेक्स’ समुद्री सुरक्षा चुनौतियों के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करेंगे जिसमें शांति से लेकर संघर्ष तक का संक्रमण शामिल है। सी विजिल में भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल, सीमा शुल्क और अन्य समुद्री एजेंसियां भाग लेंगी। इसमें रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, जहाजरानी, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मत्स्य पालन, सीमा शुल्क, राज्य सरकारों और केंद्र/राज्य की अन्य एजेंसियां भी सहयोग प्रदान कर रही हैं।
नौसेना के मुताबिक समय-समय पर तटीय राज्यों में नियमित रूप से छोटे अभ्यास आयोजित किए जाते हैं, जिसमें आस-पास के राज्यों के बीच संयुक्त अभ्यास शामिल हैं लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे इस सुरक्षा अभ्यास का मकसद बड़े उद्देश्य की पूर्ति करना है। इस अभ्यास से समुद्री सुरक्षा और तटीय रक्षा के क्षेत्र में नौसेना को अपनी तैयारियों का आकलन करने का भी मौका मिलेगा। साथ ही हमारी ताकत और कमजोरियों का यथार्थवादी मूल्यांकन हो सकेगा जिससे समुद्री और राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।