नई दिल्ली, 27 जुलाई (हि.स.)। अफ्रीका के पूर्वी तट मोम्बासा पर सोमवार से शुरू हुए नौसैन्य अभ्यास ”कटलैस एक्सप्रेस-2021” में भारतीय नौसेना का जहाज तलवार भी भाग ले रहा है। 06 अगस्त तक चलने वाला यह वार्षिक समुद्री अभ्यास पूर्वी अफ्रीका और पश्चिमी हिन्द महासागर में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। इस अभ्यास में 12 पूर्वी अफ्रीकी देशों के अलावा विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हो रहे हैं।
नौसेना प्रवक्ता के अनुसार इस अभ्यास में 12 पूर्वी अफ्रीकी देशों, यूएस, यूके, भारत और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ), ड्रग्स एंड क्राइम पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओडीसी), इंटरपोल, यूरोपियन यूनियन नेवल फोर्स (यूनावफोर) की भागीदारी शामिल है। इस नौसैन्य अभ्यास में महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग हिन्द महासागर (क्रिमारियो) और ईयूसीएपी सोमालिया ”प्रशिक्षक की भूमिका” में भाग ले रही हैं। यह अभ्यास पूर्वी अफ्रीका के तटीय क्षेत्रों पर केंद्रित है और इसे संयुक्त समुद्री कानून प्रवर्तन क्षमता का आकलन और सुधार करने, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने, क्षेत्रीय नौसेनाओं के बीच अंतर को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।
अभ्यास के दौरान भारतीय नौसेना अन्य भागीदारों के साथ समुद्री सुरक्षा संचालन के स्पेक्ट्रम में भाग लेने वाले देशों के टुकड़ियों को प्रशिक्षण देने का कार्य करेगी। समुद्री डोमेन जागरुकता के संबंध में विभिन्न भागीदार देशों के बीच सूचना साझाकरण और सूचना प्रवाह भी भारत के सूचना संलयन केंद्र- हिन्द महासागर क्षेत्र (आईएफसी-आईओआर) के अभ्यास और भागीदारी का एक प्रमुख फोकस है, जो इसे प्राप्त करने में योगदान देगा। अभ्यास के हिस्से के रूप में भारतीय नौसेना का जहाज तलवार केन्या के तटीय पर्यटन के केंद्र मोम्बासा तट का भी दौरा करेगा। इस दौरान केन्याई नौसेना के साथ कई अन्य पेशेवर बातचीत की भी योजना है।
मोम्बासा में अपने प्रवास के दौरान जहाज तलवार नौसैन्य अभ्यास कटलैस एक्सप्रेस में शामिल होने वाले देशों के अलावा भारतीय समुदाय और अन्य मेजबान भागीदारों के साथ दोस्ती के गठबंधन को मजबूत बनाने के लिए कई कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा। आईएनएस तलवार की इस यात्रा से अफ्रीका के पूर्वी तट और पश्चिमी हिन्द महासागर क्षेत्र के देशों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और मजबूत होने की उम्मीद है। हिन्द महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग की दिशा में भारत की घोषित नीति और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन- क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के दृष्टिकोण के अनुरूप है।