दोबारा सक्रिय होता इंडियन मुजाहिद्दीन राजधानी दिल्ली में

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नई दिल्ली, 13 मार्च (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में वर्ष 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस ने लगातार ऑपरेशन चलाकर आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन की कमर तोड़ दी थी, लेकिन उद्योगपति अंबानी के घर के बाहर मिले विस्फोटक सामग्री के तार दिल्ली से जुड़े होने से खुफिया एजेंसियों के होश उड़ गए हैं।
इस घटना के तार को जोड़ते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम तिहाड़ जेल में बंद कथित आतंकी तहसीन अख्तर से पूछताछ कर रही है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक तहसीन इंडियन मुजाहिद्दीन का कथित आतंकी है, जो लंबे समय से आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में निष्क्रिय भूमिका निभा रहा था। माना जा रहा है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक सामग्री रखने में भी उसकी भूमिका है।
इस घटना ने खुफिया एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। खुफिया एजेंसियां इस बात की पड़ताल करने में जुट गई है कि क्या राजधानी दिल्ली में इंडियन मुजाहिद्दीन फिर से अपने पांव जमाने की कोशिश कर रहा है। ध्यान देने वाली बात यह है कि अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक सामग्री रखने की जिम्मेदारी जैश उल हिन्द नाम के एक अज्ञात संगठन ने ली है।
इन्होंने की धमाके की शुरूआत
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इंडियन मुजाहिदीन एक आतंकी संगठन है। इसके सदस्यों ने वर्ष 2007 से लेकर 2014 के बीच में कई स्थानों पर सीरियल धमाके किए थे। इसकी शुरुआत यासीन भटकल, रियाज भटकल, अब्दुल सुभान कुरैशी और सादिक इसरार ने की थी। इस आतंकी संगठन को अब्दुल सुभान कुरैशी लीड करता था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब्दुल कुरैशी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। अभी वह न्यायिक हिरासत में है। इंडियन मुजाहिद्दीन के काफी सदस्य सिमी से जुड़े हुए थे। 4 जून 2010 को भारत सरकार ने सिमी को प्रतिबंधित कर दिया था। वहीं 22 अक्टूबर 2010 को न्यूजीलैंड की सरकार ने भी इसे आतंकी संगठन करार दिया था।
स्पेशल सेल ने तोड़ी कमर 
वर्ष 2008 में हुए दिल्ली सीरियल ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस आतंकी संगठन को लेकर बड़ा कदम उठाया। सितंबर 2018 में बाटला हाउस में हुई मुठभेड़ में तो आतंकी मारे गए थे। जिसके बाद स्पेशल सेल सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंक को खत्म करने में लगातार जुटी रहीं। वर्ष 2014 आते-आते यह आतंकी संगठन निष्क्रिय हो गया था, क्योंकि इसके अधिकांश आतंकी या तो गिरफ्तार हो गए थे या फिर मुठभेड़ में सुरक्षाकर्मियों के हाथों मारे गए थे।
फिर सक्रिय हुआ आंतकी संगठन 
2014 के बाद किसी भी आतंकी हमले में इंडियन मुजाहिद्दीन का नाम सामने नहीं आया था। अब जैश उल हिन्द का नाम सामने आने से सुरक्षा एजेंसियां जांच पड़ताल में जुट गई हैं। एजेंसियों का मानना है कि जैश उल हिन्द कोई और नहीं, बल्कि इंडियन मुजाहिद्दीन का ही दिया हुआ नाम है।
दरअसल उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक सामग्री से भरी कार के बरामद होने और जैश उल हिन्द नामक संगठन द्वारा इसकी जिम्मेदारी लेने से खुफिया एजेंसी के सामने कई बातें साफ हो गई हैं। वह अपनी जांच आगे बढ़ा रही है। इसी सिलसिले में वह तिहाड़ जेल पहुंचकर इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू से पूछताछ कर रही है।
जांच के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को कई महत्वपूर्ण सूचनाएं मिलीं, जिसके बाद तलाशी के दौरान तहसीन अख्तर के बैरिक से एक मोबाइल बरामद हुआ, जिसे स्पेशल सेल ने जांच के लिए तत्काल फॉरेंसिक लैब भेजा है। वहीं प्राथमिक जांच में पता चला है कि तहसीन मुम्बई की जेल में बंद कुछ युवकों के संपर्क में था। उनकी मदद से ही गाड़ी में विस्फोटक पदार्थ रखवाकर मुकेश अंबानी के घर के बाहर खड़ी करवाई गई थी। यह प्रकरण स्पेशल सेल के लिए चिंताजकन है, क्योंकि निष्क्रिय हो चुका इंडियन मुजाहिद्दीन एक बार फिर से सक्रिय होता दिख रहा है।

 


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