नई दिल्ली, 06 नवम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत और इटली के बीच द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में देश के कोरोना महामारी से निपटने के प्रयासों को रेखांकित किया और कहा कि उनके अनुभवों से बहुत कुछ सीखने को मिला है। साथ ही उन्होंने महामारी के बाद के विश्व की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंते के साथ इस द्विपक्षीय सम्मेलन में भाग लेते हुए कोरोना महामारी से इटली में हुई क्षति के लिए संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब दुनिया वायरस को समझ रही थी, उस समय इटली इस महामारी से जूझ रहा था। उन्होंने कठिन स्थिति में शीघ्र उपाय कर नियंत्रण पाने और देश को संगठित करने के इटली के प्रयासों की सराहना की और कहा कि उनके अनुभवों से सब का मार्गदर्शन हुआ है।
प्रधानमंत्री ने महामारी के दौर को दूसरे विश्व युद्ध जितना महत्वपूर्ण बताते हुए दुनिया को इसके बाद के लिए खुद को तैयार करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि करोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों और अवसरों के लिए हम सभी को नए सिरे से तैयार होना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह भारत और इटली के संबंधों को व्यापक और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। 2018 में हुए टेक सम्मिट के दौरान इटली के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा और मुलाकात को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय भारत के लोगों में इटली के प्रति एक नई जिज्ञासा पैदा हुई थी। उन्होंने 2018 की बातचीत से दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान में आई गति पर खुशी व्यक्त की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इटली की संसद ने पिछले साल भारत इटली फ्रेंडशिप ग्रुप बनाया है। आशा है कि कोरोना की स्थिति में सुधार के बाद इटली के संसद सदस्य भारत को स्वागत का अवसर प्रदान करेंगे।