पति फंसे भारत में और पत्नी बच्चे शारजाह में, पैसे खत्म होने से बढा संकट

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नई दिल्ली, 27 मई (हि.स.)। शारजाह में रह रहे एक भारतीय परिवार के सामने भारी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। उनके पति मात्र कुछ दिनों के लिए भारत आए थे और यहीं लॉक डाउन में फंसकर रह गए हैं। उधर उनकी पत्नी और दो बेटियों के पास खाना खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं। उन्होंने भारतीय विदेश मंत्रालय और दूतावास से गुहार लगाई है कि उनके पति को जल्द से जल्द शारजाह भेजें ताकि वे अपना जीवन  बचा सकें।

सेफली पणिग्रही ने बताया कि वह अल नाहदा में वे इन दिनों अपनी दो बेटियों के साथ रहती हैं, जिनकी उम्र 17 साल और 12 साल है। उनके पति भारत जाने से पहले अपना क्रेडिट कार्ड ऑफिस के लॉकर में छोड़ गए थे और उसकी चाबियां अपने साथ ले गए थे। मार्च के दूसरे सप्ताह में अपने पिता को भारत छोड़ने आए उनके पति इस उम्मीद के साथ गए थे कि 4 दिन में लौट आएंगे।

सेफली ने कहा था कि किसने सोचा था कि वो लॉकडाउन के कारण भारत में फंस जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनके पास जितने पैसे थे वो लगभग खर्च हो गए हैं और दुभाग्य से उनके पति भी उनको पैसे नहीं भेज सकते हैं क्योकि वह लॉकडाउन के कारण मुंबई के एक ऐसे स्थान में फंस गए हैं जिसे सरकार ने रेड जोन घोषित किया हुआ है। उन्होंने बताया कि उनकी छोटी बेटी को स्कूल से अंतिम चेतावनी मिल गई है उन्होंने धमकी देते हुए कहा है कि अगर फीस जमा नहीं हुई तो वह उसे ई-लर्निंग प्रक्रिया में शामिल नहीं होने देंगे।

साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें बैंक से भी फोन आ रहे हैं कि अपने बकाया राशि का भुगतान करें। यूएई के नागरिक जो बहर फंसे हैं अगर वह विशेष मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं तो उन्हें 1 जून से आने की अनुमति होगी।

पणिग्रही ने कहा कि उनकी उम्मीद छूट रही है क्योकि इनके पति के आईसीए आवेदन को मंजूरी नहीं मिली है। उनके पति अपने पिता को छोड़ने के लिए 15 मार्च को भारत गए थे। उन्हें मार्च में ही वापस आना था। वह मधुमेह और अस्थमा के मरीज हैं उनक  दवाई स्थानीय बाजार में नहीं मिल रही है।  हम उनके स्वास्थ्य को लेकर परेशान हैं।

 


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