नई दिल्ली, 11 मई (हि.स.)। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने अंडमान द्वीप के क्षेत्र हुतबे के पास बोमिल्ला खाड़ी में फंसे मछली पकड़ने वाली नाव एमएफवी कलम्मा से पांच मछुआरों को बचाया है। बोमिल्ला खाड़ी में मछली पकड़ने के दौरान खराब मौसम के कारण नाव पलटने से यह हादसा हुआ जिससे नाव का इंजन क्षतिग्रस्त हो गया। तटरक्षक पोत सी-412 नाव को खींच कर वापस लाया और आगे की औपचारिकताओं के लिए हुतबे में स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है।
पोर्ट ब्लेयर के आईसीजी क्षेत्रीय मुख्यालय को डीएटी आईडी-85068 से गैर-पंजीकृत संकट चेतावनी ट्रांसमीटर के जरिए एक चेतावनी रविवार दिन में 11 बजे मिली थी। चेतावनी मिलते ही आईसीजी ने तुरंत खोज और बचाव अभियान शुरू किया और जांच और सहायता के लिए हुतबे से तटरक्षक जहाज सी-412 को भेजा। चूंकि चेतावनी अपंजीकृत डीएटी से आई थी, इसलिए नाव और उसके मालिक का विवरण आईसीजी के पास उपलब्ध नहीं था। यह सूचना तुरंत मत्स्य अधिकारियों को दी गई और उनसे इस बारे में जानकारी डीएटी के साथ साझा करने का अनुरोध किया गया।
आईसीजी प्रवक्ता के अनुसार दोपहर लगभग 2:30 बजे अशांत समुद्र और तेज लहरों को पार करते हुए तटरक्षक जहाज ने संकटग्रस्त नाव को खोजा और नाव के चालक दल को जरूरी सामान और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की। इस नाव पर सवार पांच मछुआरे मछली पकड़ने के लिए 3 मई, 2021 को जंगलीघाट से रवाना हुए थे। बोमिल्ला खाड़ी में मछली पकड़ने के दौरान 8 मई, 2021 की रात को खराब मौसम के कारण नाव पलट गई। नाव में खारा पानी घुस जाने के कारण उसका इंजन क्षतिग्रस्त हो गया। तटरक्षक पोत सी-412 नाव को खींच कर वापस लाया। नाव को 9 मई, 2021 को रात लगभग 7:45 बजे हुतबे पहुंचाया गया। नाव पर सवार सभी पांच मछुआरे सुरक्षित और स्वस्थ हैं। नाव को आगे की औपचारिकताओं के लिए हुतबे में स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया।
प्रवक्ता के अनुसार यह ताजा मामला मछली पकड़ने वाली नौकाओं द्वारा डीएटी के इस्तेमाल के महत्व और समुद्र में जीवन को बचाने में इसकी सार्थकता को सामने लाता है। विभिन्न मंचों पर आईसीजी मछुआरों को न केवल एसएआर का महत्व बता रहा है बल्कि उन्हें डीएटी पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित भी कर रहा है। इस तरह की सफल खोज और बचाव कार्य (एसएआर) मिशन एक प्रमुख एसएआर एजेंसी के रूप में आईसीजी पर मछुआरों के विश्वास को मजबूत करता है।