नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्र की समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्वदेशी रूप से निर्मित तटरक्षक जहाज ‘सार्थक’ को भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक के नटराजन ने गुरुवार को गोवा में राष्ट्र को समर्पित किया। तटरक्षक के बेड़े में शामिल होने के बाद आईसीजीएस सार्थक गुजरात के पोरबंदर में तैनात होगा। जहाज पर तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर-पश्चिम) के कमांडर का प्रशासनिक नियंत्रण होगा जबकि भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर संचालित होगा।
आईसीजीएस सार्थक की कमान उप महानिरीक्षक एमएम सैयद के पास रहेगी और जहाज पर 11 अधिकारी और 110 नौसैन्य कर्मी तैनात होंगे। आईसीजीएस सार्थक आईसीजी के लिए गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे पांच ओपीवी की श्रृंखला में चौथा है। यह ओपीवी बहु-मिशन प्लेटफॉर्म हैं जो समवर्ती संचालन करने में सक्षम हैं। इस जहाज को दो इंजन वाले एक हेलीकॉप्टर, उच्च गति वाली चार नावों और स्विफ्ट बोर्डिंग और तलाशी एवं बचाव ऑपरेशन के लिए एक हवा वाली नाव को चढ़ाने और इन्हें ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह जहाज समुद्र में तेल रिसाव प्रदूषण प्रतिक्रिया करने के लिए सीमित प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण ले जाने में भी सक्षम है। भारतीय तटरक्षक बल स्वदेशी प्लेटफार्मों को शामिल करने में अग्रणी है और यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक ज्वलंत उदाहरण है।
यह जहाज भारतीय तटरक्षक बल को खोज और बचाव, समुद्री अपराधों का मुकाबला करने, समुद्री संरक्षण और तटों की सुरक्षा जैसे कार्यों में मजबूत करेगा। इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के दृष्टिकोण के अनुरूप गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया है। यह जहाज अत्याधुनिक नेविगेशन और संचार उपकरण, सेंसर और मशीनरी से सुसज्जित है। 105 मीटर लंबा यह जहाज लगभग 2350 टन जल विस्थापित करता है। इसे 6000 नॉटिकल माइल्स के स्थायित्व के साथ 26 समुद्री मील (नॉट) की अधिकतम गति प्रदान करने के लिए इसमें 9100 किलोवाट के दो डीजल इंजन लगाए गए हैं।
भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक के. नटराजन ने इस अवसर पर कहा कि समुद्र में भारतीय तटरक्षक की मौजूदगी ‘निडरता’ और ‘आश्वासन’ के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करती है। यह बल गलत इरादे वाले लोगों को रोकने के साथ ही समुद्र में किसी भी संकट की स्थिति आने पर तेजी से राहत कार्य में जुट जाता है। आज राष्ट्र को सौंपे गए जहाज में लगभग 70% स्वदेशी सामग्री लगी हैं। इस प्रकार यह भारतीय जहाज निर्माण उद्योग के लिए आवश्यक प्रेरणा है और ‘आत्म-निर्भर भारत’ का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है। जहाज को राष्ट्र के समुद्री हितों की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा जो गंभीर समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय तटरक्षक बल की निगरानी क्षमताओं को और मजबूती प्रदान करेगा।