नई दिल्ली, 28 जुलाई (हि.स.)। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर सख्त हुई भारतीय सेना ने फैसला लिया है कि सैन्य गतिविधियों से सम्बंधित वीडियो सार्वजनिक करने पर दोषी पाए जाने वाले सैनिकों को अब कोई सैन्य पुरस्कार या यूनिट प्रशंसा पत्र नहीं दिया जायेगा। सेना ने सैन्य गतिविधियों की महत्वपूर्ण जानकारियां लीक होने से बचाने के लिए नए नियमों को लागू कर दिया है।
भारतीय सेना ने अपने सभी अफसरों और जवानों के लिए सोशल साइट्स के इस्तेमाल पर जुलाई की शुरुआत में पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया था। साथ ही यह भी चेतावनी दी गई थी कि 15 जुलाई के बाद जांच होगी, जिसमें एकाउंट चालू मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी। बैन किए गए सोशल प्लेटफार्म में फेसबुक, इंस्टाग्राम के अलावा करीब 89 साइट्स हैं। आर्मी ने सख्त हिदायत के साथ निर्देश दिए हैं कि प्रतिबंधित साइट्स और सोशल मीडिया से अपना एकाउंट डिलीट करना होगा, सिर्फ डीएक्टिवेट करने से काम नहीं चलेगा। इसके बाद अब फिर सेना ने सोशल मीडिया और स्मार्टफ़ोन के प्रतिबन्ध पर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि अब औचक निरीक्षण के माध्यम से निगरानी की जाएगी। दोषी पाए जाने वाले सैनिकों के खिलाफ आईटी अधिनियम, भारतीय दंड संहिता, आधिकारिक राज अधिनियम और सेना के प्रावधानों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जासूसी के लिहाज से सबसे ज्यादा खतरनाक मानी जाने वाली फेसबुक पर सख्ती के साथ पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल अभी तक हनी ट्रैप के अधिकांश मामले फेसबुक के जरिए सामने आए हैं। फेसबुक के जरिए फोटो से लेकर पारिवारिक और कार्यालय से संबंधित जानकारी हासिल करना आसान होता है। सेना के लोग ट्विटर का इस्तेमाल कर सकेंगे, क्योंकि इस पर बैन नहीं लगाया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि यू-ट्यूब, ट्वीटर, का इस्तेमाल सिर्फ जानकारी लेने के लिए किया जा सकता है। यानी इसमें अपनी तरफ से कुछ भी अपलोड नहीं किया जा सकता।
आदेश में सख्त चेतावनी दी गई है कि अगर प्रतिबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी अफसर या जवान का एकाउंट पाया गया, तो संबंधित यूनिट की इंटेलिजेंस जांच करेगी। इसके बाद यह फीड बैक निचले स्तर से ऊपरी स्तर तक की हर ब्रीफिंग में बताया जाएगा। साथ ही फैसला लिया गया है कि सैन्य गतिविधियों से सम्बंधित वीडियो सार्वजनिक करने पर दोषी पाए जाने वाले सैनिकों को अब कोई सैन्य पुरस्कार या यूनिट प्रशंसा पत्र नहीं दिया जायेगा। सेना ने सैन्य गतिविधियों की महत्वपूर्ण जानकारियां लीक होने से बचाने के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं।