बाढ़ प्रभावित कोल्हापुर-सांगली में सेना ने 2.5 लाख लोगों को पहुंचाया सुरक्षित स्थान

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सेना के विमान व हेलीकॉप्टर्स की मदद से 2.5 लाख नागरिकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सका है।



 मुंबई, 11 अगस्त (हिं.स.)। महाराष्ट्र में में लगातार हो रही बरसात से कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली सबसे ज्यादा प्रभावित है। भारतीय सेना के साथ ही नौसेना, तटरक्षक दल समेत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधक टीम की ओर से बचाव व मदद कार्य जोरों से चलाया जा रहा है। भारतीय सेना के जवानों ने जान की बाजी लगाकर बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। सेना के विमान व हेलीकॉप्टर्स की मदद से 2.5 लाख नागरिकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सका है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत कार्य के साथ ही ईंधन आपूर्ति के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। इस बीच, अलमट्टी बांध से 5 लाख 30 हजार क्यूसेक पानी, कोयना बांध से 53,882 क्यूसेक और राधानगरी बांध से 4256 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

अलमट्टी डैम से 5.30 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा

कोल्हापुर और सांगली में बाढ़ की गंभीरता को दखते हुए स्थानीय प्रशासन के साथ ही भारतीय सेना की मदद ली जा रही है। इस बीच, अलमट्टी बांध से पांच लाख 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि राधानगरी डैम के स्वचालित 2 दरवाजों को खोल दिया गया है। राधानगरी डैम से 4256 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। कोयना बांध से भी 53,882 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह जानकारी पंचगंगा जलसिंचाई विभाग एवं बांध नियंत्रण कक्ष के समन्वय अधिकारी एस. एम. शिंदे ने दी है।
पंचगंगा जलसिंचाई विभाग एवं बांध नियंत्रण कक्ष के समन्वय अधिकारी एस. एम. शिंदे ने बताया कि पंचगंगा नदी पर बनाए गए राजाराम बांध का जलस्तर 50 फुट 11 इंच तक पहुंच गया है। कुल 104 बांध पानी के नीचे चले गए हैं। राधानगरी बांध में 8.26 टीएमसी जल क्षमता है, जबकि चित्री, जंगमहट्टी, घटप्रभा कोदे लघुप्रकल्प, पाटगांव एवं जांबरे मध्यम प्रकल्प भी पूर्ण क्षमता से भर चुके हैं।
249 गांव, 50,594 परिवार के 2 लाख 45 हजार 229 लोगों का स्थानांतर
जिलाधिकारी दौलत देसाई ने कहा कि तेज बरसात के कारण पंचगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था। हालांकि शनिवार और रविवार को बरसात कम होने से नदी का जलस्तर कम होने लगा है। रविवार को 249 गांवों से 50 हजार 594 परिवारों के दो लाख 45 हजार 229 लोगों को भारतीय सेना की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। शिरोल तालुका के 42 गांवों से 31 हजार 38 परिवारों के कुल एक लाख 55 हजार 186 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है, जबकि कागल के 35 गांवों के एक हजार 848 परिवारों के आठ हजार 53 सदस्य, राधानगरी के 17 गांवों से 558 परिवारों के तीन हजार 40 सदस्य, गडहिंग्लज के 15 गांवों से 936 परिवारों के 4 हजार 3 सदस्य, आजरा में 22 गांवों के 87 परिवारों के 333 सदस्य, भुदरगढ़ में 14 गांवों से 257 परिवारों के 1 हजार 31 सदस्य, शाहुवाडी में 6 गांवों से 123 परिवारों के 489 सदस्य और पन्हाला के 28 गांवों से 405 परिवारों के 1 हजार 833 सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
इसके अलावा, शिरोल के 42 गांवों के 31 हजार 38 परिवारों के 1 लाख 55 हजार 186 सदस्य, हातकणंगले के 21 गांवों से 7 हजार 526 परिवारों के 33 हजार 723 सदस्य, करवीर के 35 गांवों के 5 हजार 101 परिवारों के 26 हजार 433 सदस्य, गगनबावडा में 2 गांवों के 50 परिवारों से 241 सदस्य, चांदगढ़ के 11 गांवों के 96 परिवारों के 516 सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके साथ ही महापालिका प्रशासन की मदद से 2 हजार 569 परिवारों के 10 हजार 348 लोगों का भी स्थानांतर करने में मदद मिली है।
बनाया ग्रीन कॉरिडोर
कोल्हापुर व सांगली जिले में बाढ़ के गंभीर संकट को देखते हुए अन्न, वस्त्र के साथ ही ईंधन की आपूर्ति को बनाए रखने पर भी जोर दिया जा रहा है। प्रशासन की ओऱ से पुलिस विभाग व अन्य संस्थाओं की मदद से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। ग्रीन कॉरिडोर के जरिए ईंधन व गैस के टैंकरों को कोल्हापुर व सांगली जिले में भेजा जा रहा है। वायू सेना के साथ ही नौसेना की मदद से हवाईपट्टियों की सुरक्षा का जायजा किया जा रहा है।
खराब मौसम के बावजूद सेना डटी रही
तेज बारिश व खराब मौसम के बावजूद कोल्हापुर व सांगली की बाढ़ आपदा के लिए नौसेना, वायूसेना व कोस्ट गार्ड के पायलटों ने जान की परवाह न करते हुए हेलिकॉप्टर्स व विमानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद की। बुधवार से ही वायु सेना व नौसना के 11 विमान व हेलिकॉप्टर भेजे गए थे। गुरुवार को भी 14 विमान व हेलिकॉप्टर कोल्हापुर में रवाना किए गए थे, जबकि शुक्रवार को भी 16 विमानों व हेलिकॉप्टर की मदद से राहत व बचाव कार्य पूरा किया गया। कोल्हापुर, कराड, सातारा व सांगली के साथ ही गोवा, हुबली, मुंबई, पुणे, भटिंडा, भुवनेश्वर, विशाखापट्टनम से भी हेलिकॉप्टर व विमानों की विभिन्न टीमों को भेजा गया था। मुंबई के कालीना व लॉयन गेट से सांगली की बाढ़ से 12 टीमों को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए राहत कार्य के लिए भेजा गया था। जिला प्रशासन, महाराष्ट्र पुलिस विभाग, एनडीआरएफ, महाराष्ट्र सुरक्षा दल ने भी बाढ़ में राहत व बचाव कार्य में सहयोग किया।

 


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