नई दिल्ली, 09 जनवरी (हि.स.)। सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं में एलएसी पर गतिरोध खत्म करने की सहमति जताने के बावजूद भारतीय चौकियों के सामने टैंक तैनात करने में जुटी चीन सेना के एक सैनिक को भारतीय सेना ने अपने कब्जे में लिया है। पैन्गोंग झील के दक्षिण में गुरुंग हिल के पास से इस चीनी सैनिक को पकड़ा गया है। भारतीय सेना ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को चीनी सैनिक के कब्जे में होने के बारे में जानकारी दे दी गई है। उसे अपनी कैद में लेने के बाद सेना के अधिकारियों ने पूछताछ शुरू कर दी है।भारतीय जांच एजेंसियां जासूसी के एंगल से भी जांच कर रही हैं।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन ने हाल के दिनों में पैन्गोंग झील के दक्षिणी ओर कैलाश रेंज की रेजांग लॉ, रेचिन लॉ और मुखपारी चोटियों के विपरीत 30-35 टैंक तैनात किए हैं। भारतीय चौकियों के सामने तैनात किए गए यह चीनी टैंक वजन में हल्के हैं और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके बनाए गए हैं। 8वें दौर की सैन्य वार्ता तक चीन इन्हीं अहम चोटियों से भारतीय सैनिकों को हटाने की जिद पर अड़ा है लेकिन भारत ने चीन की यह मांग इस तर्क के साथ सिरे से ख़ारिज कर दी है कि ये पहाड़ियां भारतीय क्षेत्र में ही हैं। भारत ने एलएसी पार करके किसी पहाड़ी को अपने नियंत्रण में नहीं लिया है।
भारत ने 29/30 अगस्त के बाद कैलाश रेंज की इन रणनीतिक ऊंचाइयों वाली पहाड़ियों मगर हिल, गुरंग हिल, रेजांग लॉ, रेचिन लॉ और मुखपारी पहाड़ियों को अपने कब्जे में लेने के साथ ही 17 हजार फीट की ऊंचाइयों पर टैंकों को तैनात किया था। तभी से इस इलाके में चीन ने भारी तादाद में सैनिकों और हथियारों की तैनाती कर रखी है। इसके जवाब में भारत ने भी सैनिकों को एलएसी के साथ तैनात किया था। इस वजह से मुखपारी चोटी पर सिर्फ 170 मीटर और रेजांग लॉ में 500 मीटर की दूरी पर चीनी और भारतीय सैनिक हैं।
भारतीय सेना ने शुक्रवार की सुबह पैन्गोंग झील के दक्षिणी ओर कैलाश रेंज के गुरुंग हिल इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार करके भारतीय क्षेत्र में आये एक चीनी सैनिक को पकड़ लिया। भारतीय सेना ने पीएलए सैनिक को कब्जे में लिये जाने की जानकारी चीनी सेना को दे दी है। सेना का कहना है कि पीएलए सैनिक के भारतीय क्षेत्र में आने के मामले को निर्धारित प्रक्रियाओं और परिस्थितियों के अनुसार निपटाया जा रहा है। यह भी जांच की जा रही है कि उसने किन परिस्थितियों में एलएसी पार की। यदि जांच में यह साबित हो जाता है कि वह जासूस नहीं है और पूछताछ से भारतीय सेना संतुष्ट हो जाती है तभी इस सैनिक को चीनी अधिकारियों को सौंपा जाएगा।
यह इस तरह का दूसरा मामला है। इसी तरह पिछले साल 19 अक्टूबर को एक चीनी सैनिक को भारतीय सेना ने डेमचोक इलाके के पास से पकड़ा था। उसके पास से सिविल और सैन्य कागजात बरामद हुए थे। साथ ही चीनी सेना का आई कार्ड भी मिला, जिससे पता चला कि वह चीन के शांगजी इलाके का रहना वाला वांग या लांग और पीएलए में कॉरपोरल रैंक पर है। पूछताछ में पता चला कि वह अनजाने में भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर गया है। भारतीय हिरासत में दो दिन रहने के बाद 21 अक्टूबर को चुशुल-मोल्दो सीमा कर्मियों की बैठक के बाद उसे चीन को सौंप दिया गया था।