बेवसाइट में कहा गया है कि अमेरिका भले ही सैन्य शक्ति के मामले में 74 अंकों के साथ दूसरे नंबर पर है लेकिन दुनिया में सेना पर सबसे अधिक 732 अरब डॉलर यूएस आर्मी ही खर्च करती है। इसलिए अमेरिका आज भले ही सुपर पावर है लेकिन चीन को लेकर आई यह रिपोर्ट उसे हैरान कर सकती है। सैन्य शक्ति के मामले में टॉप पर रहने वाला चीन रक्षा खर्च के हिसाब से दूसरे नंबर पर है। चीन प्रतिवर्ष अपनी सेना पर 261 अरब डॉलर खर्च करता है। भारत महज 71 अरब डॉलर खर्च करके सैन्य शक्ति के मामले में चौथे नंबर पर है। 58 अंकों के साथ फ्रांस पांचवें नंबर पर, 56 अंकों के साथ सऊदी अरब छठे नंबर पर, 55 अंकों के साथ साउथ कोरिया सातवें नंबर पर, 45 अंकों के साथ जापान आठवें नंबर पर हैं। ब्रिटेन की सेना अब भारत से कम शक्तिशाली है क्योंकि शोधकर्ताओं ने दुनिया की शीर्ष 10 सेनाओं की सूची में ब्रिटिश सशस्त्र बलों को नौवें स्थान पर पाया है। जर्मनी 39 अंकों के साथ 10वें नंबर पर है।
अध्ययन में कहा गया है कि अगर कोई लड़ाई होती है तो समुद्री लड़ाई में चीन जीतेगा, वायु क्षेत्र की लड़ाई में अमेरिका और जमीनी लड़ाई में रूस जीतेगा। अमेरिका ने काल्पनिक हवाई युद्ध में 14,141 हवाई जहाजों के साथ जीत हासिल की क्योंकि रूस के पास 4,682 और चीन के पास 3,587 विमान हैं। जमीनी काल्पनिक लड़ाई में रूस ने 54,866 व्हीकल के साथ अमेरिका के 50,326 और चीन के 41,641 व्हीकल पर जमीनी युद्ध में जीत दर्ज की। चीन 406 जहाजों के साथ रूस के 278, अमेरिका और भारत के संयुक्त 202 जहाजों के मुकाबले में समुद्री युद्ध जीत गया।
फिटनेस के मामले में ब्रिटिश सैनिक रूस के बाद दूसरे स्थान पर आए। अमेरिका तीसरे और ऑस्ट्रेलिया चौथे स्थान पर आया है। कनाडा की सेना को फिटनेस में सबसे कम अंक मिले लेकिन वेबसाइट मिलिट्री डायरेक्ट के शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके बावजूद कनाडा की सेनाएं सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती हैं।