वायुसेना ने फिर निभाई ​​​’वाटर सैल्यूट’ की परम्परा

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जहाजों​ ​​के ऊपर मेहराब की ​शक्ल में पानी डालने को ​कहते हैं ‘पानी की सलामी’- ​अंतिम मिग-27 ​को ​34 वर्षों ​की सेवा ​के बाद​ ‘पानी की सलामी’ के साथ​ ​दी गई थी विदाई- ​सुखोई​-30 ​एमकेआई लड़ाकू विमानों को ​​​’वाटर सैल्यूट’ के साथ बेड़े में किया गया था शामिल  



नई दिल्ली, 29 जुलाई (हि.स.)। वर्षों के इन्तजार के बाद बुधवार को जब फ्रांस से पांच राफेल फाइटर जेट की पहली खेप अंबाला एयरबेस पहुंची तो लैंडिंग होते ही इन युद्धक विमानों​ ​को ​​​‘वाटर सैल्यूट’ दिया गया​। जब कोई ​जहाज एक या एक से अधिक अग्निशमन वाहनों द्वारा निष्कासित कि​​ए गए पानी के नीचे से गुजरता है, तो ​यह ​​‘वाटर सैल्यूट’ ​यानि पानी की सलामी होती है। ​ऐसा एक वरिष्ठ कप्तान की पहली या अंतिम यात्रा या सेवानिवृत्ति के ​समय किया जाता हैकिसी जहाज ​की पह​ली या आखिरी ​यात्रा के समय भी ‘पानी की सलामी’ ​देने की परम्परा है
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आमतौर पर हवाई अड्डे ​का रनवे लम्बा होता है, जिससे गुजरते समय जहाजों​ ​के ऊपर मेहराब की ​शक्ल में पानी डालने को ही ‘वाटर सैल्यूट’​ कहते हैं। जब कॉनकॉर्ड ने जॉन एफ कैनेडी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से अपनी आखिरी उड़ान भरी​ थी,​ तब नीले, सफेद और लाल रंग के ​पानी ​का इस्तेमाल किया गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ​जब 2016 में राष्ट्रपति चुनाव जीते थे, तब लागार्दिया हवाई अड्डे से पहले प्रस्थान ​के समय उन्हें पानी की सलामी दी​ गई थी​
भारतीय वायु सेना ​में नए लड़ाकू विमानों को ​अपने बेड़े में ​शामिल करते समय या वृद्ध विमान की अंतिम उड़ान पर पानी की सलामी ​देने की परंपरा पुरानी है। भारतीय ​वायुसेना ने ​​34 वर्षों ​की सेवा ​के बाद​ रिटायर हुए ​​अंतिम मिग-27 ​को 27 ​दिसम्बर​, 2019 को​ ​​​पानी की सलामी के साथ​ ​विदाई दी​ थी​। इस ​जहाज का उपनाम ​’​बहादुर​’ था जिसने कारगिल औ​​र ऑपरेशन पराक्रम में ​हिस्सा लिया था​​ ​इसके अलावा 20 जनवरी, 2020 को​ ​दक्षिणी भारतीय शहर तंजावुर में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों से लैस 6 ​सुखोई​-30 ​एमकेआई लड़ाकू विमानों को ​पानी की सलामी के साथ भारतीय वायुसेना में शामिल किया​ गया था​। यह प्राचीन शहर कला और संस्कृति के लिए अधिक जाना जाता है, लेकिन भारतीय वायुसेना ​ने इसे इसके रणनीतिक स्थान के कारण चुना था। ज़िम्बाब्वे ने 21 जनवरी, 2020 को मलेशियाई बोइंग 777 विमान ​हासिल करने के बाद पानी की सलामी के साथ​ जश्न मना​कर अपने बेड़े में शामिल किया था​​​​
 
यही ‘वाटर सैल्यूट’ ​यानि पानी की सलामी​​ की परंपरा आज अंबाला एयरबेस पर फ्रांस से आये पांच राफेल विमानों की लैंडिंग के वक्त दिखी​​ ​एक-एक करके जैसे ही राफेल विमानों ने भारत की धरती को ​चूमा तो वहां पहले से खड़े अग्निशमन दल के वाहनों से मेहराब की शक्ल में पानी का छिड़काव करके ‘वाटर सैल्यूट’​ किया​​​​
 

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