देश भर में कोरोना वैक्सीन बांटेंगे वायुसेना के जहाज

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वैक्सीन एयरलिफ्ट करने के लिए 100 से ज्यादा जहाज तैयार दूरस्थ इलाकों में अंतिम छोर तक वैक्सीन पहुंचाएंगे हेलीकॉप्टर  ऑपरेशन वैक्सीन के दौरान युद्ध की तरह काम करेंगे वायु सैनिक 



नई दिल्ली, 08 जनवरी (हि.स.)। कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों के सिलसिले में शुक्रवार को देश के 736 जिलों में एक साथ पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) किया गया।
भारत में कोविड-19 वैक्सीन का वितरण करने की व्यापक योजना तैयार की जा रही है। देश के दूरस्थ इलाकों में तत्काल वैक्सीन पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। वितरण केंद्र से वैक्सीन को एयरलिफ्ट करने के लिए भारतीय वायुसेना के भी 100 से ज्यादा जहाज तैयार हैं। इनमें भारी परिवहन विमान एएन-32सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, ग्लोबमास्टर सी-17 और आईएल-76 विमानों से लेकर अमेरिकी हेलीकॉप्टर चिनूक भी शामिल हैं। 
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोविड-19 वैक्सीन का वितरण करने के लिए एक टास्क फोर्स की घोषणा की है जिस पर प्राथमिकता में आने वाले 30 करोड़ भारतीयों तक वैक्सीन पहुंचाने की जिम्मेदारी होगी। योजना के मुताबिक सबसे पहले 3 करोड़ डॉक्टरों, स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों को टीका लगाया जाएगा। रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय को इस टास्क फोर्स का हिस्सा बनाया गया है। दूरस्थ इलाकों में तत्काल वैक्सीन पहुंचाने के लिए वायुसेना ने तीन अलग-अलग प्रकार की योजना बनाई है। वायुसेना ने कोविड-19 वैक्सीन के वितरण की तैयारी युद्ध की तरह की है। वैक्सीन से जुड़े ऑपरेशन के दौरान वायु सैनिक युद्ध की तरह काम करेंगे।  
 
वायुसेना ने फार्मा कंपनियों से कोविड वैक्सीन उठाकर कोल्ड-चेन स्टोरेज सेंटरों तक पहुंचाने के कार्य में परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर, सी-30जे सुपर हरक्यूलिस और आईएल-76 को लगाने की तैयारी की है। एएन-32 और डॉर्नियर्स विमानों को छोटे केंद्रों पर तैनात किया जाएगा। अंतिम छोर तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए उन्‍नत हल्‍के हेलीकॉप्‍टर (एएलएच), चीता और अमेरिकी चिनूक हेलीकॉप्टरों को लगाये जाने की तैयारी है। वायुसेना ने अपने ट्रांसपोर्ट प्लेन और हेलीकॉप्टर समेत 100 विमानों को वैक्सीन कार्यक्रम के लिए तैयार कर लिया है। यह पहली बार नहीं है जब वायुसेना टीका वितरण के साथ मदद के लिए हाथ बंटाएगी। इससे पहले 2018 में रूबेला और मीज़ल्स वैक्सीन को भारत के सबसे दूर के कोने तक ले जाने में वायुसेना महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी है।
 
देश भर में हवाई मार्ग से दो टीकों ​का वितरित करने के लिए बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक एयरलाइनरों का ​भी ​उपयोग किया जाएगा।​ ऐसे विशेष कंटेनरों की व्यवस्था की जा रही है, जो स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को परिवहन और वितरण के दौरान वैक्सीन ​को 24 घंटे सुरक्षित ​और उचित तापमान पर रखेंगे। भारतीय वायु सेना के सैन्य हवाई अड्डों पर वाणिज्यिक विमानों को ​उतारने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।​ ​वायु सेना के परिवहन विमा​नों का उपयोग अरुणाचल प्रदेश और केंद्र​ ​शासित प्रदेश लद्दाख जैसे राज्यों में दूरदराज के क्षेत्रों ​​के लिए किया जाएगा। योजना के अनुसार​ वायुसेना अपने हेलीकॉप्टर बेड़े का भी उपयोग ​करेगी​दिल्ली में सशस्त्र बलों ​के कर्मियों को टीके लगाने के लिए सेना अनुसंधान और रेफरल अस्पताल, बेस अस्पताल, सशस्त्र बल क्लिनिक, वायु सेना केंद्र, सुब्रतो पार्क और वायु सेना स्टेशन, पालम ​​​को केंद्र बनाया गया है।
 

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