गाजियाबाद, 08 अक्टूबर (हि.स.)। वायुसेना के 88वें स्थापना दिवस पर गुरुवार को हिंडन एयरबेस पर आयोजित कार्यक्रम में पूरी दुनिया ने वायुसेना की ताकत देखी। जंगी जहाजों की गर्जना ने दुश्मन देशों को संदेश दिया कि कोई भी बचकानी हरकत की तो भारतीय वायुसेना बिना समय गंवाए करारा जबाब देने को तत्पर है। भारतीय वायुसेना के जंगी जहाजों के बेड़े में हाल में ही शामिल हुए अत्याधुनिक फाइटर प्लेन राफेल ने आसमान का सीना चीरते हुए पूरी दुनिया को भारतीय वायुसेना की ताकत का एहसास कराया तो सुखोई-30 एमकेआई की कलाबाजियों ने दुश्मन की धड़कनें बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
चिनूक हेलीकॉप्टर ने दुर्गम क्षेत्रों में जाकर हैवीवेट लिफ्टिंग पावर का परिचय दिया तो विजय फॉर्मेशन में गर्जना करते एक साथ निकले राफेल, जगुआर और मिराज-2000 ने पूरी दुनिया के सामने भारतीय वायुसेना में आधुनिक तकनीक, ताकत और तालमेल की अदभुत बानगी पेश की। इस मौके पर एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने पिछले एक साल के दौरान अदम्य साहस का परिचय देने वाले वायु योद्धाओं को मेडल देकर सम्मानित किया और आगे के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने अपने संबोधन में कहा कि 89वें वर्ष में प्रवेश कर रही भारतीय वायुसेना परिवर्तनकारी दौर से गुजर रही है। भारतीय वायुसेना के सामने इंटीग्रेटेड मल्टी डोमेन ऑपरेशन करने की चुनौतियां हैं। पिछले एक साल के दौरान भारतीय वायुसेना यह साबित भी कर चुकी है कि एक साथ कई तरह के ऑपरेशन करने में समर्थ है। चाहे किसी प्राकृतिक आपदा की बात हो या फिर पूरी दुनिया को अपने आगोश में लेने वाले कोविड-19 की, वायुसेना ने सभी चुनौतियों से एक साथ मोर्चा लिया है। उन्होंने कहा कि देश को यह भरोसा भी दिलाया कि भारतीय वायुसेना अपने देश को पूरी तरह सुरक्षित रखने में सक्षम है। उन्होंने उत्तरी सीमा पर गतिरोध के दौरान वायु योद्धाओं की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि हमने स्थिति को संभालने के लिए बहुत कम समय में ऑपरेशन्स संचालित किए।
भारतीय वायुसेना के 88वें स्थापना दिवस के मौके पर आज गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत, नौसेना अध्यक्ष कर्मवीर सिंह और सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे भी मौजूद रहे। भारतीय वायुसेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने वायुसेना दिवस की परेड का निरीक्षण किया। विंग कमांडर निखिल मेहरोत्रा की अगुवाई में तीन एम-17 वी-5 हैलीकॉप्टरों ने वायुसेना अध्यक्ष को हवा से ही सलामी दी। कार्यक्रम का आगाज सुबह 8 बजकर पांच मिनट पर आकाशगंगा टीम के पैराजम्पर्स ने आठ हजार फीट की ऊंचाई पर एएन-32 से छलांग लगाने के बाद एयरबेस पर उतरकर किया। सुबह साढ़े 8 बजे परेड वायुसेना बैंड की धुन पर ग्राउंड पर पहुंची।
45 मिनट तक चला एयर शो
वायुसेना अध्यक्ष के संबोधन के बाद करीब दस बजे एयर शो शुरू हुआ। इसी कार्यक्रम का दर्शकों को इंतजार रहता है। सबसे पहले चिनूक हेलीकॉप्टर 11 टन तक वजन उठाने का प्रदर्शन करते हुए परेड ग्राउंड के ऊपर से गुजरे। उसके बाद एकलव्य फॉर्मेशन में चार अपाचे हेलीकॉप्टर और एक सुखोई-30 एमकेआई ने गर्जना भरी। तीन हरक्यूलिस सी-130 विमान परेड ग्राउंड से गुजरे भी नहीं थे कि सी-17 ग्लोब मास्टर को दो मिग-29 और दो सुखोई-30 गार्ड करते हुए आ गए। इसके बाद बहादुर फॉर्मेशन में और त्रिशूल फॉर्मेशन में तीन सुखोई-30 तीनों सेनाओं की ताकत का एक साथ प्रदर्शन करते नजर आए। इसके बाद विजय फॉर्मेशन के लिए वी का निशान बनाते हुए राफेल, जगुआर और मिराज-2000 ने भारतीय वायुसेना की बेजोड़ ताकत की बानगी पेश की। इसके बाद सारंग टीम, सूर्यकिरण टीम ने आसमान में अपने करतब दिखाए।