भारत-उज्बेकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से खड़े हैं: प्रधानमंत्री
नई दिल्ली, 11 दिसम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को उग्रवाद, कट्टरवाद तथा अलगाववाद की साझा चिंताओं का जिक्र करते हुए भारत-उज़्बेकिस्तान शिखर सम्मेलन में कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से खड़े हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्ज़ियोयेव साथ वर्चुअल शिखर सम्मेलन के प्रारंभिक भाषण में कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर दोनों देशों का एक जैसा ही नजरिया है। शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े सभी क्षेत्रों को लेकर व्यापक चर्चा की गई। इसमें भारत और उज्बेकिस्तान के बीच कोरोना के बाद की दुनिया में सहयोग को मजबूती देना और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर आपसी हितों से जुड़े मुद्दों पर विचार साझा करना शामिल है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा साझेदारी द्विपक्षीय संबंधों का एक मजबूत स्तंभ है। पिछले वर्ष दोनों देशों ने संयुक्त सैन्य अभ्यास भी किया है। अंतरिक्ष और आणविक ऊर्जा को लेकर दोनों देश संयुक्त प्रयास कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के कठिन समय में दोनों देशों ने एक-दूसरे का भरपूर सहयोग दिया है। दवा की आपूर्ति और एक दूसरे के नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई है। दोनों देशों के राज्यों के बीच भी सहयोग बढ़ रहा है जिसका उदाहरण गुजरात और अन्दिजों की सफल भागीदारी और हरियाणा और फरगाना के बीच सहयोग की रूपरेखा तैयार होना है।
अफगानिस्तान में जारी शांति प्रक्रिया को उसके नेतृत्व में जारी रखने का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वहां पिछले दो दशकों की उपलब्धियों को सहेजना बहुत जरूरी है।
आर्थिक साझेदारी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों की विकास भागीदारी काफी घनिष्ठ है। भारत की ऋण व्यवस्था से उज़्बेकिस्तान में कई परियोजनाओं को संचालित करने पर विचार किया जा रहा है। उज्बेकिस्तान की विकास प्राथमिकताओं को देखते हुए भारत अपना अनुभव और विशेषज्ञता उससे साझा करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान दो समृद्ध सभ्यताएं हैं, जिनका प्राचीन काल से ही निरंतर संपर्क रहा है। क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों के बारे में हमारी समझ और उनका समाधान करने की सोच मिलती-जुलती है। दोनों देशों के संबंध हमेशा से मजबूत रहे हैं।
भारत और उज्बेकिस्तान के बीच हाल के दिनों में कई उच्च स्तरीय संपर्क बातचीत हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 और 16 में उज्बेकिस्तान की यात्रा की और राष्ट्रपति मिर्ज़ियोयेव ने 2018 और 19 में भारत यात्रा की।
भारत और उज्बेकिस्तान के बीच शिखर सम्मेलन के दौरान कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर करार भी हुए। इसमें सौर ऊर्जा, डिजिटल तकनीक, प्रभावशाली सामुदायिक विकास परियोजना, सीमा शुल्क और पत्रकारिता के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। इसके अलावा एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ इंडिया की उज्बेकिस्तान को ऋण व्यवस्था और उत्पादों के परिणामों की मान्यता अनुरूपता मूल्यांकन पर समझौता शामिल है। इसके अलावा भारत साइबर सुरक्षा में उज़्बेकिस्तान को सहयोग देगा।