भारत ने नगरोटा मुठभेड़ और पाकिस्तानी कनेक्शन के बारे में विदेशी मिशनों को दी जानकारी
नई दिल्ली, 23 नवम्बर (हि.स.)। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सोमवार को यहां कुछ देशों के मिशन प्रमुखों को नगरोटा में हुई आतंकी मुठभेड़ और उसमें पाकिस्तान की भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चार स्थाई सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस के मिशन प्रमुख भी शामिल रहे।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इन चुनिंदा मिशन प्रमुखों को 19 नवंबर को हुए आतंकी हमले की कोशिश के बारे में जानकारी देते हुए उसके राजनयिक, सुरक्षा और आतंक के खिलाफ लड़ाई से जुड़े निहितार्थ से भी अवगत कराया गया। कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए छोटे समूह में यह ब्रीफिंग की गई है। मंत्रालय में अन्य सचिव संबंधित देशों के मिशन प्रमुखों को जानकारी देंगे।
मिशन के प्रमुखों को नगरोटा की घटना का विवरण देते हुए डोजियर सौंपा गया। इसमें आतंकवादियों से बरामद की गई वस्तुओं और अन्य जंगी सामग्री की जानकारी भी है। इससे स्पष्ट रूप से आतंकियों के पाकिस्तानी मूल के संकेत मिलते हैं। मिशन प्रमुखों से बातचीत में भारत ने आतंकी हमले की कोशिश के लिए पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन को दोषी बताया गया। उन्हें बताया गया कि यह पाकिस्तान के जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाने और स्थानीय चुनावों व लोकतंत्र के खिलाफ जारी अभियान का हिस्सा है।
सूत्रों के मुताबिक मिशन प्रमुखों को बताया गया कि यह स्पष्ट था कि आतंकवादी फरवरी 2016 में पुलवामा में हुए हमले के बाद भारत में सबसे बड़े आतंकी हमले की योजना बना रहे थे। यह जिला परिषद चुनावों को प्रभावित करने और मुंबई हमलों की वर्षगांठ के साथ ही एक आतंकवादी हमले को अंजाम देने के प्रयासों का हिस्सा है। उन्हें जानकारी दी गई कि कैसे आतंकवादी भारत में आए थे। सांबा में एक भूमिगत सुरंग की खोज से यह स्पष्ट है। साथ ही मिशन प्रमुखों को यह भी बताया गया कि बरामद एके 47 राइफल और अन्य वस्तुओं पर प्रारंभिक जांच के निशान से साफ हुआ कि आतंकवादी पाक स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन से जुड़े थे।