नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (हि.स.)। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि देश 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 1.75 लाख मेगावाट बिजली के उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लेगा।
एक बयान में मंत्रालय ने लक्ष्य प्राप्ति पर संदेह जताने वाली क्रिसिल रिपोर्ट पर आधारित मीडिया में आई खबरों का खंडन किया है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं करने संबंधी रिपोर्ट आधारहीन है और वस्तुस्थिति को सही रूप से प्रदर्शित नहीं करती।
बयान में आगे कहा गया है कि सितम्बर 2019 के अंत तक भारत में 82,580 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की स्थापना की जा चुकी है और 31,150 मेगावाट की क्षमता स्थापित करने के विभिन्न चरणों में है। 2021 की पहली तिमाही तक भारत 1,13,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापना कर चुका होगा। यह लक्षित क्षमता का लगभग 65 प्रतिशत होगा। इसके अतिरिक्त 49,000 मेगावाट क्षमता की विभिन्न परियोजनाएं बोली के विभिन्न चरणों में हैं, जिन्हें सितम्बर 2021 तक स्थापित कर दिया जाएगा।
इससे कुल लक्ष्य के 87 प्रतिशत से अधिक क्षमता की स्थापना हो सकेगी। वर्तमान में 23,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की बोली बाकी बची है और भारत को विश्वास है कि भारत 1,75,000 मेगावाट की क्षमता न सिर्फ स्थापित करेगा बल्कि इससे अधिक अच्छा प्रदर्शन करेगा।
मंत्रालय ने इस संबंध में समय-समय पर विभिन्न मुद्दों का समाधान करने के लिए कार्यरत रहा है और नवीकरणीय ऊर्जा उद्योग, विकासक, निवेशक और अन्य भागीदारकों ने पारदर्शी निविदा प्रणाली और उचित दरों पर बिजली खरीद में सुविधा के लिए मंत्रालयों के प्रयासों की सराहना की है। इसके फलस्वरूप सौर और पवन ऊर्जा के शुल्क में महत्वपूर्ण कमी देखी गई है। वर्ष 2016 में जहां पवन ऊर्जा 4.18 रुपये की दर पर थी वह गत वर्ष घटकर 2.43 रुपये रह गई और यह आज भी 2.75 प्रति यूनिट से कम है। सौर टैरिफ 4.43 रुपये प्रति यूनिट (वीजीएफ के साथ) से घटकर 2.44 रुपये प्रति यूनिट रह गई है।