नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (हि.स.)। मोदी सरकार ने पिछले साल ही इंडिया पोस्ट को री मॉडलिंग करते हुए देश में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) शुरू किया था लेकिन आईपीपीबी फ्लॉप होता दिखाई दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हालत ये है कि कारोबार में नुकसान की वजह से इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक अपने कर्मचारी के लिए सैलरी की रकम भी नहीं जुटा पा रहा है।
इसी बीच डाक विभाग को अब लग रहा है कि आईपीपीबी की सेवाएं अव्यावहारिक हैं और इसलिए उसने नई भर्तियां बंद कर दी हैं। डाक विभाग रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से इसे स्मॉल फाइनेंस बैंक में बदलने की मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहा है, ताकि वह एक लाख रुपये से ज्यादा की डिपॉजिट को स्वीकार करने के साथ ही लोन भी मुहैया करा सके।
सूत्रों के मुताबिक इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक का मॉडल ही दोषपूर्ण था, क्योंकि इसमें प्रौद्योगिकी पर बहुत ही ज्यादा रकम खर्च हुई थी। दरअसल, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की कोर बैंकिंग सिस्टम (सीएसबी) और इससे जुड़ी तकनीक पर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का खर्च किया गया। सूत्र ने कहा कि हमें शायद इस तरह की तकनीक की जरूरत ही नहीं थी।