नई दिल्ली, 03 मार्च (हि.स.)। भारत और फिलीपींस ने प्रमुख रक्षा संधि पर फिलीपींस के सशस्त्र बलों के मुख्यालय कैंप एगुइनल्डो में हस्ताक्षर किए। यह समझौता रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए एक रूपरेखा है, जो भविष्य में सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल सहित रक्षा उपकरणों पर सरकारी-से-सरकारी सौदों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। भारत की ओर से फिलीपींस में भारतीय राजदूत शंभू एस कुमारन ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों का तीसरे देशों को निर्यात करने का रास्ता साफ होने के बाद 9 देशों ने खरीद में बहुत रुचि दिखाई है जिसमें फिलीपींस भी है।
रक्षा सूत्रों का कहना है कि ‘कार्यान्वयन व्यवस्था’ से संबंधित रक्षा सामग्री और उपकरणों की खरीद के लिए दोनों देशों के बीच मंगलवार को फिलीपींस के सशस्त्र बलों के मुख्यालय कैंप एगुइनल्डो में हस्ताक्षर किए गए हैं। इस करार का यह मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि दोनों देशों के बीच बहुप्रतीक्षित ब्रह्मोस सौदा जल्द ही हो रहा है। इस समझौते में भारत से फिलीपींस द्वारा रक्षा उपकरणों की खरीद शामिल है। यह सरकार-से-सरकारी अनुबंधों के लिए एक मूलभूत समझौते की तरह है। हालांकि समझौते पर हस्ताक्षर के समय मौजूद फिलीपींस के रक्षा सचिव डेल्फिन लोरेंजाना ने कहा कि “हम ब्रह्मोस मिसाइल खरीद रहे हैं। यह समझौता ’रक्षा खरीद में नीतियों और प्रक्रियाओं’ पर फिलीपींस और भारत के लिए एक मार्गदर्शक और सरकार से सरकार के तहत खरीद के लिए कानूनी ढांचे के रूप में कार्य करेगा।
सुपरसोनिक क्रूज ब्रह्मोस मिसाइलों का तीसरे देशों को निर्यात करने के लिए अगस्त, 2020 में हरी झंडी मिलने के बाद फिलीपींस, वियतनाम, मिस्र और ओमान सहित कई देशों ने ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद में बहुत रुचि दिखाई है। इसके बाद फिलीपींस ने पिछले साल दिसम्बर में कोविड-19 महामारी के कारण बजटीय सीमाओं का हवाला देते हुए बातचीत आगे नहीं बढ़ाई। भारत में रूसी दूतावास में मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबूसकिन ने दिसम्बर, 2020 में कहा था कि इंडो-रूसी संयुक्त उद्यम ’ब्रह्मोस एयरोस्पेस’ अन्य देशों से पहले फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस का निर्यात शुरू करेगा।
ब्रह्मोस दुनिया की एकमात्र सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो ध्वनि की गति से भी तीन गुना अधिक तेजी से उड़ती है। इसकी बहुत मांग है, क्योंकि इसका इस्तेमाल तटीय रक्षा और जमीनी हमले दोनों के लिए किया जा सकता है। भारत और रूस के सहयोग से विकसित की गई ब्रह्मोस अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है और इसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है। सुपरसोनिक क्रूज ब्रह्मोस मिसाइलों के रूसी-भारतीय डेवलपर ब्रह्मोस के मुख्य महाप्रबंधक प्रवीण पाठक ने भी तीसरे देशों को निर्यात करने की मंजूरी मिलने के बाद कहा था कि कोरोना महामारी खत्म होने के बाद हम दूसरे देशों को ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्यात कर सकेंगे। इसलिए भारत और फिलीपींस के बीच हुई प्रमुख रक्षा संधि को भविष्य में सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल सहित रक्षा उपकरणों के सौदों के लिए मार्ग प्रशस्त करने के रूप में देखा जा रहा है।