फिर नया मुक़ाबला, भारत-पाक के बीच कड़ी टक्कर की पटकथा तैयार
1992 विश्वकप में पहली बार भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने आई। यह विश्वकप कई चीजों के लिए याद किया जाता है। पहला तो यह कि यह वही विश्वकप था, जिसे इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान की टीम ने जीता था लेकिन उससे पहले सिडनी में भारत-पाकिस्तान का मुकाबला हुआ, जिसमें उस वक़्त युवा सनसनी बनकर उभरे सचिन ने नाबाद 54 रनों की पारी खेली। भारत ने यह मुकाबला जीता और सचिन तेंदुलकर मैन ऑफ द मैच बने।
नई दिल्ली,15 जून (हि.स.)। विश्वकप क्रिकेट का मंच और चिर प्रतिद्वंद्वी भारत-पाकिस्तान आमने-सामने। क्रिकेट को जुनून की हद तक चाहने वाले दोनों देशों के करोड़ों क्रिकेट प्रशंसकों को जिस लम्हे का इंतज़ार है, उसमें बस कुछ घंटे बचे हैं। रविवार को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफोर्ड मैदान में दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर की पटकथा तैयार हो गई है। दोनों ही टीमों के खिलाड़ी मैच में जान झोंक देंगे, इसमें शायद ही किसी को शक हो।
भारत और पाकिस्तान के हर मैच में हार-जीत का पिछला रिकॉर्ड और दोनों टीमों के खिलाड़ियों की क्षमता का अंतर पीछे छूट जाता है। खिलाड़ियों का यह जज्बा हालांकि हर मैच में देखा गया है लेकिन विश्वकप मुकाबलों की बात फिर भी जुदा है। मानों आख़िरी मैच मानकर खिलाड़ी मैदान में उतरते हैं। प्रशंसक भी इसी मुकाबले की हार-जीत में विश्वकप फाइनल की ख़ुशी या ग़म का मुकाम देखते हैं। विश्वकप फाइनल मुकाबले में जीत नहीं पाने की जितनी मायूसी हो सकती है, उससे कहीं ज्यादा क्रिकेट के इस विश्वस्तरीय मंच पर अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी से मात खाने की देखी जाती है। यह तब है कि जबकि दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी विश्वकप के फाइनल मुकाबले में कभी आमने-सामने नहीं हुए।
कड़वाहट भरे रिश्तों के बीच मैच
विश्वकप का यह मुक़ाबला ऐसे मौके पर हो रहा है जब भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्ते बेहद कड़वाहट भरे दौर से गुजर रहे हैं। दोनों देशों के बीच रिश्तों का यह सूरत-ए-हाल अभी भी बना हुआ है। ऐसे में रविवार को जब दोनों देशों की टीमें आमने-सामने होंगी तो मैदान पर खेल रहे खिलाड़ियों के साथ-साथ दोनों देशों के करोड़ों क्रिकेट प्रशंसकों में भी रोमांच और जोश चरम पर होगा। बशर्ते कि बारिश मैच का मजा न किरकिरा कर दे।
17 साल बाद आमने-सामने आए थे
विश्वकप में भारत-पाक मुकाबलों का इतिहास भी कई दिलचस्प और तनाव भरे इम्तिहान का गवाह रहा है। यह दीगर बात है कि विश्वकप में भारत कभी अपने इस कट्टर प्रतिद्वंद्वी से हारा नहीं है। विश्वकप में दोनों टीमों के बीच अभीतक कुल छह मुकाबले हुए हैं, जिनमें कड़ी टक्कर के बीच भारत ने पाकिस्तान को परास्त किया है। हालांकि क्रिकेट विश्वकप की शुरुआत 1975 में हो गई लेकिन इसमें भारत-पाक के बीच मैच के लिए तक़रीबन 17 वर्षों का लंबा इंतज़ार करना पड़ा।
विश्वकप जीतकर भी भारत से हारा पाक
1992 विश्वकप में पहली बार भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने आई। यह विश्वकप कई चीजों के लिए याद किया जाता है। पहला तो यह कि यह वही विश्वकप था, जिसे इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान की टीम ने जीता था लेकिन उससे पहले सिडनी में भारत-पाकिस्तान का मुकाबला हुआ, जिसमें उस वक़्त युवा सनसनी बनकर उभरे सचिन ने नाबाद 54 रनों की पारी खेली। भारत ने यह मुकाबला जीता और सचिन तेंदुलकर मैन ऑफ द मैच बने। इसी मैच के बेहद तनाव भरे क्षणों में भारतीय विकेटकीपर किरण मोरे की बार-बार की जा रही अपील से बौखलाकर बैटिंग कर रहे जावेद मियांदाद ने अजीबोगरीब तरीके से उछल-उछलकर मोरे को चिढ़ाने की कोशिश की थी।
जब सोहेल को वेंकटेश ने दिखाया पवेलियन का रास्ता
1996 विश्वकप में जब दूसरी बार भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने आईं तो यह भी जबर्दस्त कांटे के मैचों में गिना जाता है। विश्वकप का क्वार्टर फाइनल मुकाबला बेंगलुरू में खेला जा रहा था। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 287 रन बनाए और पाकिस्तान 248 रनों पर सिमटकर मैच हार गया। 93 रन बनाने वाले नवजोत सिद्धू मैन ऑफ द मैच चुने गए। कांटे की टक्कर में एक वक्त पाकिस्तान यह मैच जीतता दिख रहा था। पाकिस्तानी बल्लेबाज आमिर सोहेल भारतीय गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद की गेंदों पर जोरदार प्रहार कर रहे थे। वेंकटेश की एक गेंद को उन्होंने मिड ऑन पर चौका मारते हुए उन्होंने बल्ला उठाकर वेंकटेश को दिखाया। उत्तेजना चरम पर थी और सोहेल की हरकत ने वेंकटेश को बौखला दिया। अगली ही गेंद पर वेंकटेश ने सोहेल का विकेट चटकाकर उसे पवेलियन की तरफ जाने का इशारा किया। यही मैच का टर्निंग प्वाइंट भी साबित हुआ।
तेंदुलकर ने पाक बॉलरों की धुर्री उड़ाकर रख दी
2003 विश्वकप में टीम इंडिया फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया लेकिन भारतीय-पाक क्रिकेट दर्शकों को उससे पहले दक्षिण अफ्रीका के सेंचुरियन मैदान में खेला गया वह मैच अबतक याद है जिसमें सचिन तेंदुलकर ने रावलपिंडी एक्सप्रेस शोएब अख़्तर सहित वसीम अकरम, वकार युनूस जैसे पाकिस्तान के तमाम गेंदबाजों की धुर्री उड़ाकर रख दी थी। दूसरी पारी में पाकिस्तान के रनों का पीछा उतरने उतरी टीम इंडिया में आमतौर पर पारी की शुरुआत करनेवाले वीरेंद्र सहवाग की जगह सचिन ने स्ट्राइक लिया। अपनी तेज गेंदबाजी से बल्लेबाजों को आतंकित रखने वाले शोएब अख्तर की बाउंसर को सचिन ने छक्के में बदल दिया और एक ओवर में 18 रन ठोक डाले। 98 रन बनाकर टीम इंडिया की जीत सुनिश्चित करने वाले सचिन तेंदुलकर मैन ऑफ द मैच बने।
भारत ने पाक को भी हराया और विश्वकप भी जीता
2011 में धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने विश्वकप जीता था। मुंबई आतंकी हमले से भारत-पाक रिश्ते बेहद ख़राब थे और इसी विश्वकप में मोहाली में भारत-पाकिस्तान के बीच सेमीफाइल मुकाबला खेला गया। तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी भी यह मैच देखने पहुंचे थे। इस मैच में सहवाग, गंभीर और युवराज जैसे दिग्गज बल्लेबाज सस्ते में पवेलियन लौट गए लेकिन सचिन दूसरे छोर पर लगातार टिके रहकर रन बटोर रहे थे। 11 चौकों के साथ 85 रन बनाने वाले सचिन इस मैच में मैन ऑफ द मैच बने।