बीकानेर, 14 दिसम्बर (हि.स.)। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घने कोहरे और फ्लड लाइट के बीच बैटन लेकर 180 किलोमीटर तक बॉर्डर पोस्ट कावेरी से अनूपगढ़ तक बीएसएफ के जवान दौड़े। देर रात्रि 12 बजे बीएसएफ बीकानेर सेक्टर के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने बैटन देकर जवानों को रवाना किया।
भारत-पाकिस्तान पर 3 दिसम्बर से 16 दिसम्बर 1971 तक चले युद्ध में विजय होने के बाद बीएसएफ ने पहली दफा विजय दिवस मनाया। बीएसएफ के जवान बॉर्डर पर तारबंदी के साथ-साथ कच्ची पक्की सड़कों तथा रेत के टीलों के पास दौड़ कर पार करते हुए 180 किलोमीटर का रास्ता मात्र 11 घंटों में तय कर अनूपगढ़ की कैलाश पोस्ट पर पहुंचे। लगभग हर जवान अपनी पूरी ताकत के साथ लगभग 400 से 500 मीटर दौड़ा। इस दौरान पेट्रोलिंग करते जवान भी बैटन को हाथ में लेकर दौड़ने को लालयित नजर आए। बैटन रिले रेस में करीब आठ सौ पुरुष व महिला जवानों ने हिस्सा लिया। बीएसएफ के सामान्य जवान से लेकर कमांडेंट तक सभी ने बारी-बारी से बैटन टॉर्च को हाथ में लेकर दौड़ लगाई।
दुश्मनों को बताया जवानों के मजबूत हौसले
बीएसएफ डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि फिटनेस और भारत-पाकिस्तान 1971 युद्ध के जांबाजों के ऑनर के लिए इस दौड़ का आयोजन किया गया है। साथ ही यह रेस दुश्मनों को भी बताने के लिए भी है कि भारतीय जवानों के हौसले कितने मजबूत है। उन्होंने बताया कि बॉर्डर की कावेरी पोस्ट (खाजूवाला) से अनूपगढ़ के बीच पूरे रास्ते गहरा कोहरा छाया रहा। कोहरा इतना ज्यादा था कि सौ मीटर तक कोई नजर नहीं आ रहा था। इस बीच जवान अपनी नियमित वर्दी में दौड़े। हर कोई हाथ आगे बढ़ाकर बैटन टॉर्च को अपने हाथ में लेने को उत्साहित था। इस दौरान बीएसएफ के वाहन भी साथ-साथ चल रहे थे।