नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (हि.स.)। विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (कारोबार सुगमता रैंकिंग) की सूची में देश की रैंकिंग 14 स्थान सुधरकर 63वें पायदान पर पहुंचने को लेकर उद्योग जगत ने भी गुरुवार को खुशी जाहिर की है।
उद्योग जगत ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के सुधारों का एक संकेत है। उद्योग जगत ने विश्वास जताते हुए कहा कि भारत जल्द ही इस सूची में दुनिया के 50 शीर्ष देशों में शामिल हो जाएगा, जैसा प्रधानमंत्री ने सपना देखा है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने भारत की रैंकिंग और बेहतर होने पर कहा कि सरकार की डिजिटलीकरण, नियमन एवं प्रक्रियाओं को तार्किक और सरल बनाने की पहल से निवेशकों का भरोसा पहले से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि रैंकिंग में यह सुधार कई सालों के कारोबारी सुधारों के बाद आया है। बनर्जी ने कहा कि यदि हम इसी रफ्तार से कारोबारी सुधारों के दम पर प्रधानमंत्री मोदी के सपनों के अनुरूप 50 सबसे अधिक कारोबार सुगमता वाले देश में शामिल हो जाएंगे।
रैंकिंग पर एसोचैम के बालकृष्ण गोयनका ने ट्वीट करके कहा कि मोदी सरकार के सुधारात्मक कार्यों की बदौलत हमने एक और पायदान छू लिया है। हम 142वें स्थान (साल 2014 की रैंकिंग) से 63वें पायदान तक आ गए हैं। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और ये विदेश व्यापार बढ़ाने के लिए एक बेहतर अवसर है।
अपनी प्रतिक्रिया में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डीके अग्रवाल ने कहा कि सरकार को भूमि अधिग्रहण और सभी राज्यों में तय अवधि के रोजगार, कड़े श्रम कानून के चलते व्यापारियों के अपराधीकरण से मुक्ति आदि सुधारों पर ध्यान देना चाहिए। ये अर्थव्यवस्था की उत्पादन क्षमता के साथ रोजगार सृजन को बढ़ाने में भी मदद करेंगे।
इससे पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग रैंकिंग में सुधार के लिए कुछ और शहरों को इसमें शामिल किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि विश्व बैंक की जारी कारोबार सुगमता सूची 2020 में भारत की रैंकिंग 63वीं रही है, जो कि पिछली सूची में 77वां था। यह सूची 190 देशों की रैंकिंग करती है।