नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (हि.स.)। जापानी वायुसेना के प्रमुख इज्त्सू शुनजी और भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के साथ गुरुवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता में दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच एक दूसरे को सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। इसके अलावा सैन्य संबंधों को और मजबूत करने, संचार के क्षेत्र में 5जी तकनीक, भविष्य में पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर प्लेसमेंट, स्मार्ट शहरों और स्वास्थ्य सेवा में सहयोग के मुद्दे पर भी दोनों देशों के बीच चर्चा हुई।
जापानी वायुसेना के प्रमुख जनरल इज्त्सू शुनजी द्विपक्षीय वार्ता के लिए एक वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल के साथ औपचारिक यात्रा पर बुधवार को भारत पहुंचे। उन्होंने आज सुबह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वायुसेना मुख्यालय ’वायु भवन’ पहुंचे जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उन्होंने भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के साथ एयर मुख्यालय में द्विपक्षीय बैठक की। दोनों वायुसेना प्रमुखों के बीच भारत और जापान के बीच सैन्य संबंधों को और मजबूत करने, संचार के क्षेत्र में 5जी तकनीक, भविष्य में पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर प्लेसमेंट, स्मार्ट शहरों और स्वास्थ्य सेवा में सहयोग के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
इसके बाद जापानी जनरल; रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा स्टाफ के प्रमुख जनरल बिपिन रावत से भी मिलेंगे। जापान उन देशों में से एक है जो 2015 से मालाबार नौसेना अभ्यास में एक स्थायी सदस्य के रूप में शामिल हो गया है। क्वाड समूह के देशों भारत, अमेरिका के बीच यह अभ्यास प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। इस साल नौसेना मालाबार अभ्यास का 24वां संस्करण दो चरणों में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में पिछले माह हुआ है जिसमें 13 साल बाद ऑस्ट्रेलिया की नौसेना भी शामिल हुई थी। इसके अलावा भारतीय और जापानी रक्षा बल नियमित रूप से नौसेना अभ्यास जिमेक्स, मैत्री वायुसेना अभ्यास शीन्यू जैसे कई द्विपक्षीय अभ्यास आयोजित करते हैं।
भारत और जापान के बीच सितम्बर में ‘अधिग्रहण और क्रॉस-सर्विसिंग समझौते‘ पर भी हस्ताक्षर किए थे, जिसे कूटनीतिक रूप से दोनों देशों के बीच नजदीकियां बढ़ने के रूप में देखा गया था। दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते से दोनों देशों की सेनाओं को पारस्परिक आधार पर आपूर्ति और सेवाओं का आदान-प्रदान करने की अनुमति मिलती है। इनमें वे अभ्यास शामिल हैं जिनमें जापान और भारत दुनियाभर में होने वाले संयुक्त राष्ट्र और मानवीय सहायता के कार्यों में भाग लेते हैं। साथ ही एक-दूसरे के बंदरगाहों का दौरा भी करते हैं। भारत और जापान स्वतंत्र, खुले, समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की दृष्टि साझा करते हैं जहां राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित की जाती है।