नई दिल्ली, 29 जून (हि.स.)। श्रीलंका के तट पर इसी माह की शुरुआत में 13 दिनों तक जलते रहने के बाद डूबे सिंगापुर के मालवाहक जहाज एमवी एक्स-प्रेस पर्ल की खोज भारतीय नौसेना ने शुरू की है। श्रीलंका सरकार के अनुरोध पर भारतीय नौसेना का हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण जहाज आईएनएस सर्वेक्षक एमवी एक्सप्रेस पर्ल के आसपास पानी के भीतर सर्वेक्षण कर रहा है। खोजबीन के दौरान बड़ी संख्या में जलमग्न वस्तुओं का पता चला है।
सिंगापुर के कंटेनर जहाज एमवी एक्स-प्रेस पर्ल ने कतर और दुबई से 25 टन नाइट्रिक एसिड और अन्य रसायनों सहित 1,486 कंटेनर लोड किए गए थे। इसके बाद 15 मई को गुजरात के हजीरा बंदरगाह से कोलंबो जा रहा था, तभी कोलंबो बंदरगाह से लगभग 9 समुद्री मील की दूरी पर खराब मौसम के कारण कई कंटेनर ढहकर जहाज पर ही गिर पड़े और उनमें एक विस्फोट के बाद आग लग गई। श्रीलंकाई नौसेना के मदद मांगने पर भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने 26 मई को आग बुझाने के लिए अपने जहाज ‘वैभव’ और ‘वज्र’ को कोलंबो भेजे। आग से घिरे जहाज पर दोनों ओर से लगातार 24 घंटे एएफएफएफ घोल और समुद्री पानी का छिड़काव किया गया। इसके बावजूद एमवी एक्स-प्रेस पर्ल सैकड़ों टन रसायनों और प्लास्टिक के साथ 13 दिनों तक जलता रहा।
आख़िरकार दोनों देशों के प्रयास से 01 जून को जहाज की आग पूरी तरह से बुझाने में कामयाबी मिली। जहाज के 25 सदस्यीय चालक दल में फिलीपींस, चीनी, भारतीय और रूसी नागरिक शामिल थे, जिन्हें पहले ही सुरक्षित बचा लिया गया था। 13 दिनों तक जलते रहने के बाद आग बुझने के 24 घंटे के भीतर सिंगापुर का कंटेनर जहाज 02 जून को डूब गया था। आग बुझाने के दौरान कोलम्बो तट पर बड़ी मात्रा में प्लास्टिक का मलबा भर गया। साथ ही जहाज के ईंधन टैंक में मौजूद 278 टन बंकर तेल और 50 टन गैस हिन्द महासागर में लीक होने का खतरा पैदा हो गया है।
श्रीलंका सरकार के अनुरोध पर भारतीय नौसेना का हाइड्रोग्राफिक जहाज आईएनएस सर्वेक्षक कोलम्बो तट पर पहुंचा है। यह जहाज उस जगह पर पानी के भीतर सर्वेक्षण कर रहा है जहां एमवी एक्सप्रेस पर्ल श्रीलंका के तट पर डूब गया था।राष्ट्रीय जलीय संसाधन अनुसंधान एवं विकास एजेंसी (एनएआरए) और हाइड्रोग्राफिक कार्यालय, श्रीलंका नौसेना के समन्वय में हवाई सर्वेक्षण के लिए सर्वेक्षण नौकाओं और हवाई टोही के लिए इंटीग्रल हेलो के साथ सर्वेक्षण को आगे बढ़ाया जा रहा है। भारतीय नौसेना के हाइड्रोग्राफिक सर्वे जहाज आईएनएस सर्वेक्षक ने बड़ी संख्या में जलमग्न वस्तुओं का पता लगाया है।