नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (हि.स.)। लद्दाख में पकड़े गए चीनी सैनिक को भारतीय सेना ने चुशूल-मोल्दो मीटिंग प्वॉइंट पर मंगलवार की देर रात पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अधिकारियों को सौंप दिया। भारत की हिरासत में आए पीएलए सैनिक को वापस करने की मांग करते हुए चीनी सेना ने वादा किया है कि वह भारत के साथ सैन्य-राजनयिक वार्ता के 7वें दौर में बनी सहमतियों को लागू करने और सीमा क्षेत्रों की शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए काम करेगा।
भारतीय सेना ने सोमवार को सुबह लद्दाख के डेमचोक इलाके के पास एक चीनी सैनिक को पकड़ लिया। भारत को आशंका थी कि दोनों देशों के बीच जारी तनाव के दौरान कहीं ये चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में जासूसी तो नहीं कर रहा था। इसीलिए उसे अपनी कैद में लेने के बाद सेना के अधिकारियों ने पूछताछ और जासूसी के एंगल से जांच करनी शुरू कर दी। इस बीच पीएलए ने भारतीय सेना को सूचना दी कि उसका एक सैनिक चरवाहे का याक ढूंढने में मदद करते हुए रात को खो गया और इस दौरान वह भारतीय सीमा में आ गया है। हिरासत में लिये गए चीनी सैनिक को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई। अत्यधिक ऊंचाई पर होने की वजह से उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, इसलिए चीनी सैनिक को ऑक्सीजन भी दी गई। उसे गर्माहट पहुंचाने के लिए भारतीय सैनिकों ने भोजन और गर्म कपड़े भी मुहैया कराये।
उसके पास से चीनी सेना का आई कार्ड भी मिला, जिससे पता चला कि वह चीन के शांगजी इलाके का रहना वाला वांग या लांग और पीएलए में कॉरपोरल रैंक पर है। इस पर चुशूल-मोल्डी मीटिंग प्वाइंट पर उसी रात भारत और चीनी सेना के अधिकारियों की बैठक हुई। अंतरराष्ट्रीय नियम के मुताबिक शांति काल में जब भी किसी देश का सैनिक दूसरे देश में पकड़ा जाता है तो सबसे पहले उसकी तलाशी ली जाती है. इसके बाद पकड़े गए शख्स की पहचान पता की जाती है। उसके बाद उसके पकड़े जाने की सूचना दूसरे पक्ष को दी जाती है। पूर्ण रूप से संतुष्ट होने के बाद सैनिक को उसके देश को सौंप दिया जाता है। इसी का पालन करते हुए भारत इस सैनिक को वापस करने पर राजी हो गया। बैठक में तय हुआ कि नियत प्रक्रिया का पालन करने के बाद स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार उसे चीन के सैन्य अधिकारियों को सौंप दिया जायेगा।
पीएलए वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शुइली और चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मंगलवार को अलग-अलग बयानों में भारत से पीएलए सैनिक को वापस करने की मांग की। चीनी सेना और विदेश मंत्रालय ने सैनिक की वापसी के बदले वादा किया कि चीन सैन्य-राजनयिक वार्ता के 7वें दौर में बनी सहमतियों को लागू करने और सीमा क्षेत्रों की शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए काम करेगा। भारत और चीन के अधिकारियों के बीच मंगलवार की देर रात चुशूल-मोल्दो मीटिंग प्वॉइंट पर फिर बैठक हुई जिसमें नियत प्रक्रिया का पालन करने के बाद स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार चीनी सैनिक को चीन के सैन्य अधिकारियों को सौंप दिया गया।