नई दिल्ली, 08 अगस्त (हि.स.)। लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सीमा विवाद पर चर्चा करने के लिए शनिवार को दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) क्षेत्र में भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता होगी। इससे पहले पांच दौर की बैठक हो चुकी हैं लेकिन भारत और चीन के बीच पैंगॉन्ग झील का उत्तरी तट मुख्य समस्या बना हुआ है। इसके अलावा पूर्वी लद्दाख के डेप्सांग मैदानी क्षेत्र, और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स एरिया के विवादित मुद्दों को भी हल नहीं किया जा सका है।
भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच पांचवें दौर की अहम बैठक दो अगस्त को चीन की ओर स्थित मॉल्डो में करीब 10 घंटे हुई थी लेकिन पूर्वी लद्दाख के डेप्सांग मैदानी क्षेत्र, पैंगोंग झील और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स एरिया के विवादित मुद्दों का कोई हल नहीं निकल पाया। तीनों जगहों से चीन पीछे हटने को तैयार नहीं है, इसलिए एक बार फिर भारत को दो टूक कहना पड़ा कि एलएसी पर 5 मई के पहले की स्थिति बहाल किये बिना अब आगे चीन से वार्ता नहीं होगी। इसके बावजूद आज फिर सीमा विवाद पर चर्चा करने के लिए दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता होगी। सेना के सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि इस वार्ता में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के कई हिस्सों पर डिसइंगेजमेंट पर चर्चा की जाएगी।
अभी पूर्वी लद्दाख में एलएसी के दोनों तरफ दोनों देशों ने हजारों की संख्या में सैनिक तैनात कर रखे हैं जिन्हें पीछे करना असल चुनौती है। गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स एरिया के पेट्रोलिंग-15 और पेट्रोलिंग पॉइंट-14 पर चीनी सैनिकों को पीछे हटाने का काम पूरा हुआ है लेकिन अभी भी गोगरा के पेट्रोलिंग पॉइंट-17ए में दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के करीब हैं। बैठक मेंं एलएसी के दोनों तरफ मौजूद करीब 30 हजार सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से पीछे हटाने की रणनीति पर भी चर्चा होनी है। इसके अलावा पूर्वी लद्दाख के इलाकों में दोनों देशों की तैनात आर्टिलरी फोर्सेज, टैंक और अन्य भारी हथियारों को वापस ले जाने को लेकर बातचीत की जानी है।