नई दिल्ली, 20 मार्च (हि.स.)। तीन दिन की भारत यात्रा पर शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन ने विज्ञान भवन में सुबह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस दौरान आमने-सामने की बातचीत में राजनाथ सिंह ने ऑस्टिन को भरोसा दिलाया कि उनकी भारत यात्रा निश्चित रूप से भारत और अमेरिका के बीच सहयोग और साझेदारी को और सुदृढ़ करने वाली है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन भारत और हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सुरक्षा योजना को आगे बढ़ाने के लिए अपनी पहली यात्रा पर कल शाम दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। ऑस्टिन सुबह 9 बजे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर गए और माल्यार्पण करके शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्टिन ने आज सुबह आमने-सामने की मुलाक़ात की और बाद अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इस वार्ता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पहली आधिकारिक विदेश यात्रा में ऑस्टिन का यहां आना भारत के लिए बड़ा सम्मान और खुशी की बात है। पेंटागन में ऑस्टिन के कार्यभार संभालने के तुरंत बाद मैंने उनसे बात की थी। उनकी यह यात्रा हमारे रक्षा संबंधों के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि ऑस्टिन और उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ हमारी बहुत सुखद और फायदेमंद मुलाकात हुई है। रक्षा के क्षेत्र में भारत-अमेरिका साझेदारी ने पिछले एक दशक में रणनीतिक साझेदारी के आयाम हासिल किए हैं। दोनों देश व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की पूर्ण क्षमता का एहसास करने के लिए मिलकर काम करने के लिए दृढ़ हैं। रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने इस क्षेत्र में शांति, समृद्धि और नियम आधारित व्यवस्था की स्थापना के लिए साझेदारी को और मजबूत बनाने और प्रस्तावों को गहरा करने के लिए अद्भुत उत्सुकता और उत्साह के साथ जवाब दिया है। हमने आज उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ रक्षा सूचनाओं का आदान-प्रदान बढ़ाने, रक्षा के उभरते हुए क्षेत्रों में सहयोग, आपसी लॉजिस्टिक्स समर्थन और दोनों सेनाओं की व्यस्तता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हम द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास से द्विपक्षीय सहयोगों को विकसित करने के लिए दृढ़ हैं। हम भारतीय सेना और यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड, सेंट्रल कमांड और अफ्रीका कमांड के बीच सहयोग बढ़ाने का इरादा रखते हैं। दोनों देशों ने पूर्व में किये गए समझौतों के तहत सुरक्षा और समृद्धि में योगदान करने के लिए अपनी पूरी क्षमता प्राप्त करने की योजना बनाई है। मैंने एयरो इंडिया में अमेरिकी उद्योग की भागीदारी के लिए ऑस्टिन की सराहना की। मुझे उम्मीद है कि अमेरिकी कम्पनियां रक्षा के क्षेत्र में भारत की उदार एफडीआई नीतियों का लाभ उठाएंगी। क्वाड ढांचे के तहत भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के हालिया शिखर सम्मेलन ने स्वतंत्र, खुले और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने के हमारे संकल्प पर जोर दिया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चर्चा के दौरान कुछ गैर-पारंपरिक चुनौतियों जैसे कि तेल रिसाव और पर्यावरणीय आपदाओं, नशीले पदार्थों की तस्करी, मछली पकड़ने आदि को रोकने के लिए क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गई है। भारत अमेरिका के साथ रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं भारत-अमेरिका संबंधों को 21वीं सदी की परिभाषित भागीदारी में से एक बनाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करना चाहता हूं। हम भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की पूर्ण क्षमता का एहसास करने के लिए मिलकर काम करने के इच्छुक हैं।
भारत आने के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री ने ट्वीट करके कहा कि यहां भारत में आकर रोमांचित हो गए। हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग हमारी प्रमुख रक्षा साझेदारी के महत्व को दर्शाती है, क्योंकि हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सामने सबसे अधिक दबाव वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करते हैं। शुक्रवार की रात राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ हुई बैठक को भी उन्होंने शानदार बताया है।