नई दिल्ली, 13 सितम्बर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मार्च, 2022 में गुजरात के गांधीनगर में डिफेन्स एक्सपो से इतर होने वाली भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता में अफ्रीकी राष्ट्रों के रक्षा मंत्रियों की मेजबानी करेंगे। ‘भारत-अफ्रीका: रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने और तालमेल के लिए रणनीति अपनाना’ इस बार भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता का व्यापक विषय होगा। भारत-अफ्रीका के बीच रक्षा संबंधों की नींव क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) तथा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’-द वर्ल्ड इज वन फैमिली जैसे दो मार्गदर्शक सिद्धांतों पर आधारित है।
अफ्रीका से घनिष्ठ और ऐतिहासिक संबंध होने के चलते भारत हर दो साल में एक बार आयोजित होने वाली क्रमिक रक्षा प्रदर्शनी के दौरान भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता को संस्थागत बनाने का प्रस्ताव करता है। भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता के संस्थापन से अफ्रीकी देशों और भारत के बीच मौजूदा साझेदारी के निर्माण में मदद मिलेगी। साथ ही क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद का मुकाबला करने जैसे क्षेत्रों सहित आपसी जुड़ाव के लिए नए क्षेत्रों का पता लगाने में मदद मिलती है। इस बार निर्णय लिया गया है कि मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (एमपी-आईडीएसए) भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता का नॉलेज पार्टनर होगा। भारत तथा अफ्रीका के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए एमपी-आईडीएसए आवश्यक सहायता प्रदान करने में मदद करेगा।
रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने पहली बार 06 फरवरी, 2020 को रक्षा प्रदर्शनी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारत-अफ्रीका रक्षा मंत्री कॉन्क्लेव (आईएडीएमसी) का आयोजन किया था। भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन IV के क्रम में मंत्रिस्तरीय पैन अफ्रीका कार्यक्रमों की श्रृंखला में यह पहला था। कॉन्क्लेव के परिणाम दस्तावेज के रूप में आईएडीएमसी-2020 के समापन के बाद संयुक्त ‘लखनऊ घोषणा’ लागू की गई थी।