नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (हि.स.)। चीन के साथ सैन्य टकराव के बीच चरम सर्दियों में लद्दाख की 15 हजार फीट ऊंची बर्फीली पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के लिए अमेरिका ने भारत को 11 हजार ‘कोल्ड वार किट’ दी हैं। भारत ने यह खरीदारी अमेरिका से 2016 में हुए लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम (लेमोआ) समझौते के तहत की है। चीन से वार्ताओं के सात दौर बीतने के बाद भारत अब भी एलएसी पर लम्बी तैनाती नहीं चाहता लेकिन अगर ऐसी स्थिति बन रही है तो उसके लिए तैयारी भी पूरी कर ली है।
चीन के साथ तनाव जारी रहने के कारण सर्दियों में भी सीमा पर जमे रहने की संभावना के चलते सीमा की अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों की तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यूरोपीय देशों से भी आपातकालीन खरीद की गई है। भारत ने तत्काल आधार पर सर्दियों के कपड़े और उच्च ऊंचाई वाली युद्धक किट खरीदने की मांग पिछले माह अमेरिका को भेजी थी। भारत के साथ द्विपक्षीय समझौते के तहत सहायता के लिए तत्काल अनुरोध किए जाने के बाद विस्तारित ठंडे मौसम वस्त्र प्रणाली (ईसीडब्ल्यूसीएस) के 11 हजार ‘कोल्ड वार किट’ अमेरिका ने दे दी है। ये सेट अमेरिकी सेना के स्टॉकहोल्डिंग से आए हैं और आगे के क्षेत्रों में भेज दिए गए हैं, जहां उच्च ऊंचाई पर सैनिक तैनात हैं।
अमेरिका के साथ 2016 में हुए लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (लेमोआ) का इस्तेमाल पहली बार सैनिकों की ‘कोल्ड वार किट’ लेने के लिए किया गया है। इस समझौते से दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच युद्धपोतों, विमानों के लिए ईंधन, स्पेयर पार्ट्स, लॉजिस्टिक सपोर्ट, सप्लाई और अन्य सेवाओं की सुविधा मिलती है। इनमें कपड़े, भोजन, स्पेयर पार्ट्स, अन्य आवश्यक वस्तुओं के बीच चिकित्सा सेवाएं शामिल हैं। भारत अब तक मुख्य रूप से यूरोप या चीन से अपने रक्षा बलों के लिए उच्च-ऊंचाई वाली किट बनवाता था लेकिन इस बार चीन से ही टकराव के चलते ‘कोल्ड वार किट’ अमेरिका से खरीदी गई है। भारतीय सेना में दूसरी सबसे बड़ी रैंक के अधिकारी वाइस चीफ एसके सैनी अन्य आपातकालीन खरीद और निर्माण क्षमताओं पर चर्चा करने के लिए 17 अक्टूबर से तीन दिन की अमेरिकी यात्रा पर भी गए थे।
मई से चीन के साथ टकराव शुरू होने के बाद लद्दाख सीमा पर 50 हजार से अधिक अतिरिक्त सैनिक हैं। अत्यधिक ऊंचाई और माइनस 40 डिग्री तापमान पर सैनिकों को जीवित रखने के लिए तत्काल आवश्यकता को देखते हुए अमेरिका से ‘कोल्ड वार किट’ का हर संभव स्टॉक उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था। यही ‘कोल्ड वार किट’ अतीत में अमेरिकी सैनिकों को भी दी गई हैं। सूत्रों का कहना है कि विदेश में सभी भारतीय मिशनों को सेना की जरूरत वाले उपकरणों की एक सूची सौंपी गई है, जिसमें जूते, टेंट, स्लीपिंग बैग, सूट और मोजे शामिल हैं क्योंकि भारत में हजारों सैनिकों के लिए बड़ी मात्रा में सैन्य पैटर्न और रंगों में गर्म कपड़े आसानी से उपलब्ध नहीं है।