हमारी नीयत में गंगाजल एवं नर्मदा जल जैसी पवित्रता: प्रधानमंत्री मोदी

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पीएम बोले-कोई बिचौलिए नहीं, कोई कमीशन नहीं, सीधे किसानों के खातों में जा रही राशि



भोपाल, 18 दिसम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार पूरी तरह से किसानों को समर्पित है तथा यहां किसानों की भलाई के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं। आज प्रदेश के 35 लाख से अधिक किसानों के खातों में फसल नुकसानी के 1600 करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके खातों में अंतरित की जा रही है, कोई बिचौलिए नहीं, कोई कमीशन नहीं। यह भारत में पिछले 5-6 वर्षों में बनाई गई व्यवस्था का परिणाम है, जिसकी पूरे विश्व में आज प्रशंसा हो रही है।
उन्होंने कहा कि किसानों को खेती से जुड़े कार्यों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड दिलाए जा रहे हैं, जिससे उन्हें कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त हो रहा है। आज यहां कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाऊस आदि कृषि अधोसंरचनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास भी हुआ है, जो कि किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी होंगे। देश में भंडारण की कमी के चलते प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ के फल, सब्जी, अनाज खराब हो जाते हैं। देश में भंडारण केन्द्रों का नेटवर्क बनाना तथा फूड प्रोसेसिंग के उद्यम स्थापित करना हमारी प्राथमिकता है।
देश में जो कृषि सुधार 25-30 वर्ष पहले हो जाने थे वे अब हुए हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक एवं कृषि की उन्नति के लिए परम आवश्यक है। ये कानून 25-30 वर्ष पहले ही देश में लागू हो जाने थे। पिछली सरकारों ने अपने घोषणा पत्रों में इन्हें लागू करने का जिक्र तो किया परंतु कार्य नहीं किया। कृषि सुधार के संबंध में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को गत सरकार ने दबा दिया, जबकि हमने उसे लागू किया है। आज जब हमारी सरकार ने किसानों के हित में कृषि सुधारों को लागू किया है तो किसानों में भ्रम एवं डर फैलाया जा रहा है। किसान भाई इसे समझें और बिल्कुल भी भ्रमित न हों। हमारी नीयत माँ गंगा एवं माँ नर्मदा के जल जैसी पवित्र है। हमारा हर कदम किसानों के हित में है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को प्रदेश के रायसेन में आयोजित किसान महासम्मेलन में प्रदेश के 50 लाख से अधिक किसानों को सीधे (वर्चुअली) संबोधित किया। किसान कार्यक्रम स्थल से तथा प्रदेश के सभी जिला, जनपद तथा ग्राम पंचायतों से वर्चुअली जुड़े थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के साढ़े 35 लाख किसानों के खातों में फसल नुकसानी की प्रथम किश्त के रूप में 1600 करोड़ रुपये की राशि अंतरण की शुरुआत की। मुख्यमंत्री द्वारा कार्यक्रम में 70 करोड़ रुपये से अधिक के कृषि अधोसंरचना विकास के कार्यों का शिलान्यास/लोकार्पण किया। इसके साथ ही 2 हजार मछुआ पालक एवं पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम में सांसद  वीडी शर्मा कृषि मंत्री कमल पटेल, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी आदि उपस्थित थे।
किसानों की कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं किया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गत सरकार ने किसानों से किया गया कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं किया। किसानों के कर्ज माफ नहीं हुए तथा उन्हें कर्जमाफी के स्थान पर बैंकों के नोटिस व गिरफ्तारी के वारंट मिले। आज किसानों के हित में किए जा रहे सुधारों का विपक्षी विरोध कर रहे हैं तथा भ्रम फैला रहे हैं।
आज नहीं है यूरिया की किल्लत
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध करा रही है। हमने यूरिया की कालाबाजारी रोकी है। पुराने खाद कारखानों को दोबारा चालू किया जा रहा है। आधुनिक फर्टिलाइजर प्लांट लगाए जा रहे हैं। हम किसानों को अब अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता भी बना रहे हैं। किसानों के खेतों में कम कीमत पर सोलर पम्प लगाए जाने का अभियान चलाया जा रहा है। हमने अनाज पैदा करने वाले किसानों के साथ ही पशुपालन, मधुमक्खी पालन तथा मछली पालन करने वाले किसानों का भी पूरा ध्यान रखा है।
एमएसपी बंद हो जाएगी, इससे बड़ा नहीं है कोई झूठ
प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी यह भ्रम फैला रहे हैं कि एमएसपी बंद हो जाएगी। इससे बड़ा कोई झूठ नहीं है। हमने न केवल विभिन्न फसलों की एमएसपी में पर्याप्त वृद्धि की है बल्कि गत वर्षों में एमएसपी खरीदी भी कई गुना बढ़ गई है। पुरानी सरकार में जहाँ गेहूँ की एमएसपी दर 1400 रुपये प्रति क्विंटल थी अब वह 1975 रुपये प्रति क्विंटल है। धान की एमएसपी 1310 के स्थान पर 1870, ज्वार की 1520 के स्थान पर 2640, मसूर की 1950 के स्थान पर 5100, चने की 3100 के स्थान पर 5100, तुअर की 4300 के स्थान पर 6000 तथा मूंग की एमएसपी 4500 के स्थान पर अब 7200 रुपये प्रति क्विंटल है।
मंडियों के आधुनिकीकरण पर 5 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च करेंगे
प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरा बड़ा झूठ यह है कि मंडियां बंद हो जाएंगी। देश की कोई भी कृषि उपज मंडी बंद नहीं होगी, बल्कि हम उनके आधुनिकीकरण पर 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने जा रहे हैं। नए कानून के माध्यम से किसान को यह विकल्प दिया गया है कि वो अपनी फसल अपनी इच्छानुसार, जहां उसे अधिक लाभ प्राप्त हो, मंडी के भीतर या मंडी के बाहर कहीं भी बेचे। पिछले छह महीने से ये नए कानून देश में लागू किए गए हैं, आज तक कोई मंडी बंद नहीं हुई है, और न ही आगे बंद होगी।
कृषि अनुबंध कानून देता है किसानों को सुरक्षा
उन्होंने कहा कि हमने जो फार्मिंग एग्रीमेंट (कृषि अनुबंध) कानून बनाया है, वह किसानों को सुरक्षा प्रदान करता है। बुवाई के समय ही किसान अपनी उपज का अनुबंध किसी से भी कर सकता है। यह अनुबंध उसकी फसल का ही होगा न कि उसकी भूमि का। किसानों को यह अधिकार दिया गया है कि वे उसे समाप्त कर सकेंगे परंतु व्यापारी अनुबंध को समाप्त नहीं कर पाएगा। नए कानून के अनुसार व्यापारी अनुबंध की गई दर पर किसानों की फसल खरीदने के लिए बाध्य होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकारें सरल भाषा में एक अनुबंध फार्म बनाकर किसानों को उपलब्ध कराएं, जिससे उन्हें अनुबंध करने में सुविधा हो।

 


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