बिहार में एक दशक से 13 इंजीनियर करोड़ों की सरकारी राशि लेकर हैं फरार, कहां हो सरकार ?
पटना, 25 अगस्त(हि स)। बिहार में पिछले एक दशक से 13 इंजीनियर सरकारी राशि लेकर फरार हैं और सरकार है कि इस पर चुप्पी साधे बैठे हुए हैं या फिर उसको इन खबरों से महरूम रखा गया है, यह तो जांच का विषय बनता है। दरअसल बिहार में भवन निर्माण विभाग में एक बड़ा घोटाला का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन काल में ही 12 वर्ष पहले सरकार के खजाने से करोड़ों रुपए की निकासी कर ली गई है। यह गबन का आरोप भवन निर्माण विभाग के ही 13 अभियंताओं पर है। विभाग ने दशकों से पैसे लेकर फरार अभियंताओं से अंतिम मोहलत दी है। मामला सुपौल के भवन निर्माण विभाग से जुड़ा है जहां भवन निर्माण विभाग में सहायक और कनीय कुल 13 अभियंताओं ने मिलकर करीब 2 करोड़ रुपए सरकारी राशि की अग्रिम भुगतान लिया, लेकिन उस पैसे का समायोजन अब तक नहीं किया गया है।
इस संदर्भ में भवन निर्माण विभाग सुपौल के कार्यपालक अभियंता ने नोटिस जारी कर कहा है कि रोकड़ पंजी में असमायोजित राशि का समायोजन करने हेतु 2008 और 2014 में सूचना प्रकाशित की गई थी, जिसमें 15 दिनों के अंदर समायोजन को लेकर निर्देश दिया गया था। मगर आज तक अभियंता द्वारा राशि का समायोजन नहीं कराया जाना कई सवाल खड़ा कर रहा है। एक बार फिर से अंतिम सूचना के माध्यम से सभी अभियंताओं को सूचित किया जाता है कि 15 दिनों के अंदर सदेह उपस्थित होकर और समायोजित राशि का समायोजन करना सुनिश्चित करें, अथवा नगद राशि जमा करें। ऐसा नहीं करने पर उक्त राशि के गबन का मामला मानते हुए आपके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
जिन अभियंताओं पर सरकारी राशि पचाने का आरोप है उनमें दरभंगा के सहायक अभियंता राम सिंह, सहरसा के सहायक अभियंता राज नंदन सिंह, सहायक अभियंता सहरसा सीमा राम सिंह, सहायक अभियंता सहरसा रघुवंश कुमार, कनीय अभियंता वीरपुर संतोष कुमार, सहायक अभियंता दरभंगा एसएन ओझा, सहायक अभियंता सुपौल उपेंद्र नारायण, सहायक अभियंता सुपौल शीतल प्रसाद, सहायक अभियंता सुपौल राम प्रसाद पासवान,कनीय अभियंता सुपौल महेश दास,कनीय अभियंता सुपौल धर्म देव मंडल, कनीय अभियंता वीरपुर मनोज कुमार रंजन, कनीय अभियंता निर्मली देवेंद्र पाठक शामिल है।
इनमें सबसे अधिक सहायक अभियंता सुपौल रामप्रसाद पर 7273358 रुपए सरकारी राशि बकाया है ।वही कनीय अभियंता वीरपुर मनोज कुमार रंजन पर 79 लाख ₹343 का सरकारी अग्रिम राशि निकासी का आरोप है। इन सूचनाओं के बाद भी ये इंजीनियर आज तक राशि का समायोजन नहीं करा सके हैं, जो सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है।