इमरान ने अमेरिका की मदद से जिहादियों को तैयार करने की बात कबूली
इस्लामाबाद, 13 सितम्बर (हि.स.)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासा कर पाकिस्तान और उसके आकाओं की पोल खोल रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को समाचार चैनल रशिया टुडे को दिए साक्षात्कार में यह कबूल किया है कि 1980 में अफगानिस्तान में रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) के खिलाफ लड़ने के लिए पाकिस्तान ने जिहादियों को तैयार किया था।
खान ने अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा कि 80 के दशक में जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया तो इन मुजाहिदीनों को जिहाद के लिए तैयार किया गया। इसके लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने वित्त पोषण किया था। उन्होंने आगे कहा कि इसके बावजूद अमेरिका पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहा है।
प्रधानमंत्री खान ने कहा कि इस वजह से पाकिस्तान के 70000 लोगों ने अपनी जान गवां दी है। उन्होंने कहा, ”मुझे पाकिस्तान के लिए बहुत अजीब लगता है कि यह मदद हमारे लिए नुकसानदेह साबित हुई। हमें 100 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को तटस्थ रहना चाहिए था। अफगान युद्ध में शामिल होने की वजह से ये समूह देश के खिलाफ हो गए। इमरान ने कहा कि अमेरिका, अफगानिस्तान में आया तो उसने उन्हीं समूहों को जेहादी से आतंकवादी होने का नाम दे दिया। अब इसे क्या कहा जा सकता है?
उल्लेखनीय है कि हाल ही में पाकिस्तान के आंतरिक मामले के मंत्री ने भी उसके चेहरा से पर्दा उठाते हुए बताया कि पाकिस्तान ने आतंकी संगठन जमात-उद-दावा पर करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। हालांकि ब्रिगेडियर (आर) एजाज अहमद शाह ने कहा कि इमरान सरकार आतंकी संगठन को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रही है।
इससे पहले, जुलाई में संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कबूल किया था कि उनके देश में अभी भी 30,000 से 40,000 आतंकवादी मौजूद हैं जिन्हें अफगानिस्तान और कश्मीर के इलाके में ट्रेनिंग दी गई।