गुरुग्राम, 27 जुलाई (हि.स.)। करीब तीन साल पहले हिमाचल प्रदेश घूमने गये गुरुग्राम के एक युवक को नहीं पता था कि वह वहां पर किसी साजिश का शिकार हो जाएगा। उसे बिना किसी अपराध के जेल में रहना पड़ेगा। 21 माह तक हिमाचल प्रदेश की जेल में फर्जी तरीके से बंद किए गए इस युवक के पिता रमेशचंद का संघर्ष रंग लाया है। सीबीआई जांच में यह साबित हो गया है कि रवि यादव को फर्जी और अवैध रूप से जेल में बंद किया गया।
रवि गुरुग्राम के गांव जुडोला का रहने वाला है। उसे हिमाचल प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर मंजीत नामक शख्स ने चरस तस्करी के झूठे केस में फंसाया। रमेशचंद ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि किसी मंजीत ने हिमाचल पुलिस के रामलाल और प्रदीप कुमार के साथ मिलकर रवि को कई दिनों तक बंदी बनाकर रखा। उन्हें फोन कर 20 लाख रुपये मांगे गए। न देने पर रवि को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई। पैसे देने से मना करने पर रवि को झूठे केस में फंसा दिया गया।
तीन साल से इंसाफ के लिए संघर्ष कर रहे वृद्ध रमेशचंद को आखिरकार जीत मिली। वह अपने बेटे को हिमाचल प्रदेश की जेल से निकलने में कामयाब रहे। रमेशचंद की गुहार पर इस मामले की सीबीआई जांच हुई। इसमें दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो गया। करीब डेढ़ साल पहले जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने हिमाचल प्रदेश की मंडी जेल का निरीक्षण किया था।जेल में बंद विचाराधीन कैदी रवि ने उन्हें बताया था कि उसे एनडीपीएस एक्ट के तहत झूठे केस में फंसाया गया है। इधर सीबीआई जांच भी चलती रही। सीबीआई कोर्ट में रवि के खिलाफ फर्जी केस दर्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दर्ज हुई है।