इस्लामाबाद, 31 अगस्त (हि.स.)। दुनिया भर में कश्मीर पर कहीं से कोई समर्थन नहीं मिलने पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अब अपनी असलियत दिखाने लगे हैं। कश्मीरियों के साथ एकजुटता दिखाने की नौटंकी करते हुए शुक्रवार को कश्मीर आवर के दौरान यहां एक रैली को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने कश्मीरियों के लिए मुस्लिम राग अलापना शुरू कर दिया।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने माना कि कश्मीर पर उन्हें वैश्विक समुदाय से कोई समर्थन नहीं मिल रहा है। साथ ही अपनी बौखलाहट जाहिर करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसलिए समर्थन नहीं कर रहे हैं कि कश्मीरी लोग मुसलमान हैं।
खान ने कश्मीर पर अपना सांप्रदायिक चेहरा दिखाते हुए कहा कि अगर कश्मीरी मुस्लिम नहीं होते तो पूरी दुनिया उनके साथ खड़ी होती। इमरान ने कहा, “दुनिया को कश्मीर के लिए खड़ा होना चाहिए था, लेकिन धर्म इसमें आड़े आ रहा है। सबसे दुखद बात यह है कि जब वहां मुसलमानों का दमन हो रहा है तो दुनिया चुप है। “
उन्होंने अपने भाषण में आगे कहा कि हालांकि सभी पाकिस्तानी कश्मीरियों के साथ खड़े हैं। इस कार्यक्रम का मकसद दुनिया में यह संदेश भेजना था कि जब तक कश्मीरी अपनी आजादी हासिल नहीं कर लेते, पाकिस्तानी अंतिम सांस तक उनके साथ खड़े रहेंगे।
इमरान का मानसिक संतुलन इतना बिगड़ गया है कि एक बार फिर उन्होंने परमाणु जंग धमकी देते हुए कहा , ‘मैं मोदी को बताना चाहता हूं कि अगर वे कश्मीर में कुछ भी करते हैं तो हमारी सेना पूरी तरह से तैयार है। दुनिया को मालूम होना चाहिए कि अगर दो परमाणु हथियार संपन्न देश आमने-सामने आते हैं तो पूरी दुनिया प्रभावित होगी । ‘ अर्थात खान भारत को कम दुनिया को संदेश दे रहे थे कि आइए मध्यस्थता कीजिए, नहीं तो परमाणु जंग होगी।
दरअसल, इमरान की जमीन पूरी दुनिया में ही नहीं अपने देश में भी खिसक गई है। वह घरेलू मोर्चे पर पूरी तरह विफल रहे हैं। अब अपनी खाल बचाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है, इसलिए वह अपनी और सेना की छवि बचाने के लिए परमाणु जंग की बात धड़ल्ले से कर रहे हैं। यह उनका बचकाना व्यवहार है जिससे दुनिया में कोई उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहा है। पहले उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के सामने खुद राजा हरिश्चंद्र साबित करने की कोशिश की। खासतौर पर अमेरिका में उन्होंने पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब किया, लेकिन अब वह अपने पूर्ववर्तियों से भी नीचे उतर गए हैं। ठीक उसी तरह जैसे शेर की खाल में गीदड़ होता है।
इमरान यहीं नहीं रुके और आरोप लगाया कि भारत किसी फर्जी हमले को अंजाम दे सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तानी सेना भी जवाब देने के लिए तैयार है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम दुनिया को चेतावनी दे रहे हैं कि भारत कश्मीर में कुछ गंभीर करने जा रहा है, लेकिन मैं मोदी को चेतावनी देता हूं कि अगर वह ऐसी किसी योजना को अंजाम देते हैं तो पाकिस्तान और हमारी सेना ईंट का जवाब पत्थर से देगी।’
उल्लेखनीय है कि इमरान खान ने समाचार पत्र “न्यू यॉर्क टाइम्स” में एक लेख भी लिखा है जिसमें कहा है कि अब भारत के साथ तभी बातचीत होगी, जब कश्मीर पर मोदी सरकार अपना फैसला वापस ले लेगी।
दरअसल, कश्मीरियों को इमरान बरगला रहे हैं। उन्हें आजादी का सपना दिखा कर अपने कब्जे में लेना चाहते हैं, क्योंकि वह जिन्ना द्वारा प्रतिपादित द्वि राष्ट्रवाद के सिद्धान्त का संजीदगी के साथ पालन कर रहे हैं। हालांकि वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लोगों का किस तरह दमन कर रहे हैं, यह कश्मीरी समेत दुनिया भर के मुसलमान जानते हैं। पाकिस्तान का तात्पर्य है पंजाबी मुसलमान। अगर द्विराष्ट्रवाद का सही अर्थों में पाकिस्तान पालन करता तो आज बांग्लादेश नहीं होता। अगर उसका यही रवैया रहा तो बलूचिस्तान और सिंध में भी क्रांति की ज्वाला तेज होगी जिसको इमरान संभाल नहीं पाएंगे।