नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। पतंजलि आयुर्वेद की कोरोना की दवा कोरोनिल पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सवाल उठाए हैं। सोमवार को इस मामले में आईएमए ने कहा कि योग गुरु बाबा रामदेव के कोरोनिल को डीसीजीआई और डब्ल्यूएचओ की मंजूरी मिलने के दावे पूरी तरह से झूठे हैं।
आईएमए ने सोमवार को जारी प्रेस रिलीज में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने साफ तौर से कहा है कि कोरोना के इलाज के लिए पतंजलि की दवा कितनी प्रभावशाली है, इसकी अभी तक समीक्षा नहीं की गई है। इसे प्रमाणित भी नहीं किया है। आईएमए ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन खुद पेशे से डॉक्टर हैं, उन्हें कोरोनिल को इस तरह से बढ़ावा नहीं देना चाहिए था। आईएमए ने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की निर्धारित आचार संहिता के जबरदस्त उल्लंघन के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन को पत्र लिखेगा।
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जयलाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि अवैज्ञानिक उत्पाद को जारी करना कितना सही है? आईएमए ने यह भी जानने की कोशिश की कि अगर कोरोनिल कोरोना बीमारी में इतनी ही प्रभावी है तो सरकार टीकाकरण पर पैसा क्यों खर्च कर रही है।
बता दें कि पिछले हफ्ते पतंजलि ग्रुप के संस्थापक बाबा रामदेव ने केंद्रीय मंत्रियों डॉ. हर्षवर्धन और नितिन गडकरी की मौजूदगी में कोरोनिल को लॉन्च किया था।