गाजियाबाद, 11 अक्टूबर (हि.स. ) । परेशानी का सबब बने महानगर में लगाए गए अवैध होर्डिंग्स को लेकर जिला प्रशासन सख्त कदम उठाने जा रहा हैं ताकि होर्डिंग माफिया व कुछ अधिकारियों का नापाक गठजोड़ क्रेक हो सके। आये दिन मिल रही शिकायतों से बाद अधिकारियों व होर्डिंग्स माफिया के गठजोड़ को तोड़ने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया है । जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के आदेश के बाद सरकारी विभागों ने अपने क्षेत्रों में सर्वे के बाद वैध और अवैध होर्डिंग्स की सूचना भेजी है।
दरअसल गाजियाबाद में अवैध होर्डिंग्स का कारोबार लंबे समय से चल रहा है अधिकारियों व होर्डिंग माफियाओं के बीच आपसी गठजोड़ के आरोप आए दिन लगते रहते हैं । जिस भी पार्टी की सरकार आती है उसके नेताओं पर भी इस गठजोड़ को संरक्षण दिए जाने के आरोप भी लगते रहते हैं। जिलाधिकारी ने इसको लेकर एक कार्य योजना बनाई है यदि इस पर अमल हो गया तो निश्चित रूप से ये गठबंधन टूटेगा और सरकारी राजस्व में बढ़ोतरी होगी।
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने शुक्रवार को बताया कि आमतौर पर होर्डिंग्स को लेकर यह कंफ्यूजन रहता था कि कौन सी सड़क किस विभाग के अंतर्गत आती है और वहां होर्डिंग लगाने की अनुमति किसने दी है । जिसका लाभ ये गठजोड़ उठाता था। इसी को लेकर जिलाधिकारी ने एक आदेश दिया कि जो सड़क जिसके विभाग के क्षेत्र में आती है होर्डिंग लगाने की अनुमति भी वही देगा। साथ ही उन्होंने सभी विभागों से इस संबंध में सर्वेक्षण रिपोर्ट मांगी। विभागों ने सर्वेक्षण रिपोर्ट दी तो उसमें पता चला कि होर्डिंग हजारों की संख्या में महानगर में अवैध रूप से लगाई गई हैं। नगर निगम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसने महानगर में होर्डिंग लगाने के लिए 27 फर्मों से एग्रीमेंट किया हुआ है जिसमें 407 वैध हार्डिंग और 111 अवैध होर्डिंग लगे हुए हैं वही जीडीए ने बताया कि उसने इंदिरापुरम क्षेत्र में दो फर्मों यह ठेका दिया हुआ है जहां पर कुल 39 वैध और 12 अवैध होर्डिंग लगे है। इसी तरह जीडीए ने राजनगर एक्सटेंशन में 24 होर्डिंग्स वैध और एक अवैध होर्डिंग लगे की जानकारी दी। सिंचाई विभाग ने तीन एजेंसियों से एग्रीमेंट होने की बात कही है और 37 होर्डिंग वैध तथा 14 अवैध की जानकारी डीएम को भेजी है जबकि लोक निर्माण विभाग ने 244 अवैध होने की बात कही है।
जिलाधिकारी ने अब इनके खिलाफ ना केवल प्रभावशाली ढंग से अभियान चलाने बल्कि संबंधित विभागों को हटाने में जो भी खर्चा होगा उसकी वसूली विज्ञापन लगाने वाली कंपनी से वसूलने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने यह निर्देश भी दिए हैं कि यदि कोई यह माफिया यह धनराशि नहीं देता है तो उसके खिलाफ रिकवरी सर्टिफिकेट (आर सी )जारी कर उसे वसूला जाये।