हमीरपुर, 27 नवम्बर (हि.स.)। अवैध खनन को लेकर बुधवार को सीबीआई ने हमीरपुर में समाजवादी पार्टी के नेता एवं एमएलसी रमेश मिश्रा व उनके सगे भाई मौरंग कारोबारी को कैम्प ऑफिस तलब करके तीन घंटे तक पूछताछ की। एक और मौरंग कारोबारी को भी कैम्प ऑफिस बुलाकर बयान दर्ज किये गए हैं। सीबीआई अब अवैध खनन के मामले की फाइनल जांच पड़ताल कर रही है। सीबीआई के कैम्प ऑफिस में महिला आईएएस बी. चन्द्रकला और खनिज अधिकारी समेत अन्य आरोपितों को तलब किया है। शाम को सीबीआई टीम सदर कोतवाली पहुंची और अवैध खनन के मामले में अब तक दर्ज हुये एफआईआर का ब्योरा खंगाला।
एसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में सीबीआई की तीन सदस्यीय टीम सोमवार से मौदहा बांध निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में डेरा डाले है। यह भवन इस समय सीबीआई का कैम्प ऑफिस में तब्दील हो चुका है। कैम्प ऑफिस के बाहर पुलिस भी मुस्तैद है। हमीरपुर समेत प्रदेश के अन्य जनपदों में अखिलेश यादव के सरकार में हुये अवैध खनन की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने बुधवार को सुबह सपा के एमएलसी रमेश मिश्रा एवं उनके बड़े भाई दिनेश मिश्रा को कैम्प ऑफिस में तलब करके कई घंटे तक पूछताछ की। दोपहर बाद एमएलसी व उनके भाई कैम्प ऑफिस से बाहर निकले तो दोनों मीडिया से बचते हुये कार में सवार होकर निकल गये।
सीबीआई ने मौरंग कारोबारी जयकरन साहू से भी पूछताछ की है। इससे पहले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित के सगे चाचा राकेश दीक्षित को कैम्प ऑफिस में तलब करके सीबीआई के अधिकारियों ने अवैध खनन के मामले में कई घंटे तक पूछताछ की थी। टीम ने खनिज विभाग जाकर मौरंग के पट्टों के बारे में जानकारी की। बुधवार को शाम को सीबीआई की टीम सदर कोतवाली पहुंची और कोतवाल से अवैध खनन के मामले से सम्बन्धित सूचनायें मांगी। हालांकि सदर कोतवाल केपी सिंह ने कुछ भी बताने से इंकार किया है।
अवैध खनन की जांच की आंच में आ सकते है अखिलेश यादव
समाजसेवी व याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी एडवोकेट ने बताया कि अखिलेश यादव की सरकार में पूरे पांच साल तक हमीरपुर समेत अन्य जनपदों में अवैध खनन का खेल खेला गया था जिसमें नियमों को ताक पर रखकर मौरंग के पट्टे दिये गये थे। पूर्व में अखिलेश यादव की सरकार में रहे विधि सलाहकार से भी सीबीआई की टीम कैम्प आफिस तलब कर पूछताछ कर चुकी है। उन्होंने बताया कि एक हजार करोड़ का खनन घोटाला हुआ है जिसकी परतें सीबीआई की जांच में खुलेंगीं। याचिकाकर्ता ने बताया कि हाईकोर्ट से रोक के बाद भी हमीरपुर में मौैरंग के 63 पट्टे कारोबारियों को किये गये थे। कोर्ट के आदेश के बाद शासनादेश में निर्देशों की अनदेखी की गयी जिसमें नीचे से लेकर शासन स्तर के अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में हैं। उन्होंने बताया कि सीबीआई हमीरपुर में अवैध खनन की जांच के बाद जल्द ही बांदा, जालौन और अन्य जनपदों में भी दस्तक देगी।