एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग-2020 में आईआईटी मद्रास शीर्ष पर

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आईआईएससी बेंगलुरू को दूसरा और आईआईटी दिल्ली को तीसरा स्थान निशंक ने जारी की उच्च शिक्षा संस्थानों की 10 श्रेणियों में रैंकिंग



नई दिल्ली 11 जून (हि.स.)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को उच्च शिक्षा संस्थानों की 10 श्रेणियों में राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) इंडिया रैंकिंग-2020 जारी की। ओवरआल श्रेणी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास को पहला, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरू को दूसरा और आईआईटी दिल्ली को तीसरा स्थान मिला है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय वर्ष 2016 से प्रतिवर्ष शिक्षण संस्थानों की यह रैंकिंग जारी कर रहा है। यह इस रैंकिंग का पांचवा संस्करण हैं जिसमें नौ श्रेणियों में ‘डेंटल’ डोमेन को भी जोड़ा गया है। आमतौर पर एनआईआरएफ रैंकिंग अप्रैल माह में घोषित की जाती है लेकिन इस साल कोरोना और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इसमें देरी हुई है।
ओवरआल रैंकिंग में आईआईटी मद्रास ने पहला स्थान प्राप्त किया तो विश्वविद्यालयों की सूची में भारतीय विज्ञान संस्थान (बेंगलुरु) ने पहला स्थान हासिल किया। इंजीनियरिंग संस्थानों की सूची में भी आईआईटी मद्रास ने पहला स्थान प्राप्त किया। प्रबंधन संस्थानों में आईआईएम अहमदाबाद को पहला स्थान मिला। कॉलेजों की सूची में दिल्ली के मिरांडा हाउस को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। फार्मेसी संस्थानों की सूची में दिल्ली का जामिया हमदर्द पहले स्थान पर है और मेडिकल संस्थानों की सूची में दिल्ली का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहले स्थान पर आया है। आर्किटेक्चर संस्थानों में आईआईटी खड़गपुर को पहला स्थान प्राप्त हुआ है।लॉ संस्थानों में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी (बेंगलुरु) को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। डेंटल संस्थानों में दिल्ली के मौलाना आज़ाद इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंस को पहला स्थान प्राप्त हुआ है।
यह रैंकिंग सभी उच्च शिक्षण संस्थानों की विभिन्न श्रेणियों में पांच मानकों के आधार पर उनके प्रदर्शन के आधार पर दी जाती है। निशंक ने यह रैंकिंग वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से जारी की जिसमें मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे, उच्च शिक्षा अपर सचिव राकेश रंजन, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रो डी.पी. सिंह, एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो अनिल सहस्रबुद्धे, एनबीए के अध्यक्ष प्रो के. के. अग्रवाल, एनबीए सचिव डॉ अनिल कुमार नस्सा और उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। संस्थानों का मूल्यांकन पांच व्यापक मानकों शिक्षण, शिक्षण और संसाधन (टीएलआर), अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास (आरपी), स्नातक परिणाम (जीओ), आउटरीच और विशिष्टता (ओआई) और धारणा (पीआर) के आधार पर होता है। इन पांच व्यापक मानकों में से प्रत्येक के लिए निर्धारित अंकों के आधार पर रैंक निर्धारित की जाती है। इस रैंकिंग में शामिल होने के लिए  3771 संस्थानों ने 5805 आवेदन दिए थे। इन संस्थानों में 294 विश्वविद्यालय, 1071 इंजीनियरिंग संस्थान, 630 प्रबंधन संसथान, 334 फार्मेसी संस्थान, 97 लॉ संस्थान, 48 आर्किटेक्चर संस्थान और 1659 सामान्य डिग्री कॉलेज शामिल हैं।
इस अवसर पर निशंक ने कहा कि रैंकिंग किसी भी संस्थान की सापेक्ष स्थिति है। यह रैंकिंग शैक्षिक संस्थानों को विभिन्न मानकों पर अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने, अनुसंधान के क्षेत्र में कमियों को पहचाने तथा उन्हें सुधार में मदद करती है। इसके अलावा रैंकिंग, उद्योगों और कॉर्पोरेटों को विभिन्न संस्थानों के विशिष्ट छात्रों को नियुक्त करने में भी मदद करती है। राष्ट्रीय स्तर पर संस्थानों की रैंकिंग, अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन एवं उच्च रैंक प्राप्त करने के लिए संस्थानों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करती है। उन्होंने कहा कि इंडिया रैंकिंग के कारण उच्च शिक्षा संस्थानों ने अपने डेटा को नियमित रूप से व्यवस्थित करने का कार्य किया है। इन सभी संस्थानों ने खुद को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने का प्रयास भी किया है।

 


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