आईआईटी दिल्ली ने दृष्टिबाधित छात्रों के लिए तैयार किया मल्टीसेंसरी किट

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ब्रेल लिपि की भांति इस उपकरण को जब दृष्टिहीन छात्र स्पर्श करते हैं तो शब्द स्वत: ही उभर आते हैं, जिससे उन्हें अध्ययन में कोई दिक्कत नहीं होती।



नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। दृष्टिहीन छात्रों के लिए बाधारहित अध्ययन हेतु एक आधुनिकतम उपकरण तैयार करने के लिए आईआईटी दिल्ली की पूर्व शोधार्थी अंकिता गुलाटी को प्रतिष्ठित एनसीपीईडीपी-एमफैसिस यूनिवर्सल डिज़ाइन अवार्ड 2019 से सम्मनित किया गया है।

ब्रेल लिपि की भांति इस उपकरण को जब दृष्टिहीन छात्र स्पर्श करते हैं तो शब्द स्वत: ही उभर आते हैं, जिससे उन्हें अध्ययन में कोई दिक्कत नहीं होती। इस उपकरण (मल्टीसेंसरी किट) को चार वर्षों के अथक प्रयास के बाद गुलाटी ने तैयार किया है।

इस पुरस्कार से अभीभूत गुलाटी ने कहा कि आमतौर पर दृष्टिबाधित बच्चों को विज्ञान, गणित और भूगोल जैसे विषयों का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है। टचविज़न विभिन्न सरकारी निकायों और एमएनसी के साथ काम करके इस वास्तविकता को बदलने की कोशिश कर रहा है।

गुलाटी ने इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वूमेन (आईजीडीटीयू) से परास्नातक किया है। उन्होंने इस अवधारणा को उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए आईआईटी दिल्ली की लैब में चार वर्षों से अधिक समय तक काम किया है। टचविज़न का लक्ष्य विश्व स्तर पर द्ष्टिबाधित 25 करोड़ 30 लाख लोगों के लिए डिजिटल समावेश है।

उन्होंने बताया कि टच फ्रेंडली ग्राफिक्स स्मार्टफोन एप्लिकेशन की मदद से पढ़े जाते हैं। स्मार्टफोन ऐप उपयोगकर्ता को तर्जनी अंगुली में एक बैंड की मदद से ऑडियो प्रदान करता है। डायग्राम के लेबल और विवरण उपयोगकर्ता द्वारा किए गए अलग-अलग उंगली के इशारों पर आधारित होते हैं।

 


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