नई दिल्ली, 27 सितंबर (हि.स.)। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 9 फीसदी कर दिया है। इक्रा ने इससे पहले आर्थिक विकास दर 8.5 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया था। एजेंसी ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि यह बदलाव देश में कोविड-19 वैक्सीनेशन में आई तेजी, खरीफ फसल के अच्छे रहने के अनुमान और तेजी से बढ़ रहे सरकारी खर्च जैसी कुछ वजहों की वजह से किया है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीनेशन के बढ़ते कवरेज से बाजर के सेंटीमेंट को और बूस्ट मिलने की संभावना है। इससे कॉन्ट्रैक्ट इनटेन्सिव सर्विस में भी तेजी आएगी। ऐसा होने पर अर्थव्यवस्था के उस हिस्से को सबसे ज्यादा फायदा होगा, जो कोरोना महामारी की मार से सबसे ज्यादा प्रभावित था। उन्होंने कहा कि खरीफ की फसल के अच्छे रहने का अनुमान है। इससे कृषि क्षेत्र में मांग और खपत में मजबूती रहने की उम्मीद है।
नायर ने कहा कि विकास और बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर पर केंद्र सरकार के बढ़ते खर्च से भी अर्थव्यवस्था में तेजी आती दिख रही है। इसके अलावा पूर्व के नकद प्रबंध दिशा-निर्देश को वापस लेने के बाद से केंद्र सरकार के खर्च में अपेक्षित तेजी आई है। उन्होंने कहा कि इसके आधार पर रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में देश की वास्तविक आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी दर के अनुमान को 8.5 फीसदी से बढ़ाकर 9 फीसदी कर दिया है।
इक्रा ने कहा कि इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में स्थितियां पहले से ज्यादा बेहतर होती नजर आएंगी। एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020-21 में 7.3 फीसदी के विकास दर में संकुचन के बाद वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ रेट के ऊंचे स्तर पर रहने का अनुमान व्यक्त किया था। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने भी वित्त वर्ष 2021-22 में अर्थव्यवस्था में 9.5 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान जताया है। हालांकि, इसी वित्त वर्ष में कोरोना की दूसरी लहर के झटके ने एनालिस्ट को परेशानी में डाल दिया था।