नई दिल्ली, 10 अप्रैल (हि.स.)। केन्द्र सरकार बेशक कोरोना का संक्रमण कम्युनिटी स्तर पर फैलने से इंकार कर रही हो लेकिन भारत आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की रिपोर्ट मौजूदा हालात में इस वायरस के सामुदायिक संक्रमण की ओर इशारा कर रही है। यानि भारत स्टेज-3 की तरफ पहला कदम बढ़ा चुका है। देश के कई जिलों में कोरोना संक्रमण सामुदायिक स्तर पर फैल गया है। आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 104 कोरोना के मरीजों में से 39.2 फीसदी का संक्रमण सूत्र ही नहीं मिला है। हालांकि यह अध्ययन सांस की बीमारी वाले मरीजों पर ही किया गया है। इसलिए इस पर आधिकारिक बयान के लिए अब सारी नजरें स्वास्थ्य मंत्रालय पर टिकी हुई हैं।
आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक 5,911 सांस के बीमारी वाले मरीजों के सैंपल लेने पर इसमें कुल 104 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इन 39.2 फीसदी मरीजों का न ही विदेशी यात्रा का कोई इतिहास है और न ही उनका किसी संक्रमित मरीज से संपर्क हुआ है। यानि उन्हें संक्रमण कहां से और कब मिला, इस बात की कोई जानकारी नहीं मिली। इसलिए आईसीएमआर ने अपनी रिपोर्ट में स्टेज-3 की तरफ इशारा किया है क्योंकि संक्रमित व्यक्ति को यह पता ही नहीं चल पाया कि उसे संक्रमण कहां से हुआ ? इसका मतलब सामुदायिक संक्रमण शुरू हो चुका है जिसके बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय का अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।मंत्रालय के मुताबिक अभी तक जितने भी मामले सामने आये हैं उन सभी के संपर्क सूत्र मिल रहे हैं। यानी कि अब तक मिले मरीजों के संक्रमण होने का माध्यम पता है, इसलिए इसे सामुदायिक संक्रमण नहीं माना जाना चाहिए।
आईसीएमआर ने कम्युनिटी ट्रांसमिशन यानि स्टेज तीन का पता लगाने के लिए 15 फरवरी से लेकर मार्च महीने तक 20 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों से 5,911 सांस के बीमारी वाले मरीजों के सैंपल लिए। इनमें से 104 सैंपल पॉजिटिव पाए गए। आईसीएमआर ने उन राज्यों में ज्यादा सैंपल लिए गए जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले हैं। इनमें तमिलनाडु से 577, गुजरात से 492 सैंपल, महाराष्ट्र से 553, केरल से 502 सैंपल लिए गए हैं।