नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय वायु सेना की ओर से आयोजित झुंड ड्रोन प्रतियोगिता में पहले स्थान पर रही न्यूस्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज ने ‘मेहर बाबा ट्रॉफी’ पर कब्ज़ा जमाया है। इसके अलावा तीन सिस्टम पुरस्कार दिए गए। वायुसेना ने विभिन्न डोमेन में स्वदेशी नई प्रौद्योगिकियों के नवाचार और झुंड ड्रोन के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए यह प्रतियोगिता 03 अक्टूबर, 2018 को शुरू की थी। इन पुरस्कारों की घोषणा बेंगलुरु में वायु सेना कॉन्क्लेव के मौके पर की गई।
यह प्रतियोगिता स्व. एयर कमोडोर मेहर सिंह को सम्मानित करने के लिए शुरू की गई थी। इसका मकसद स्वार्म ड्रोन प्रौद्योगिकी में केवल स्वदेशी प्रतिभा और स्वदेशी स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना था ताकि कम लागत में उच्च प्रभाव वाले झुंड ड्रोन के डिजाइन, विकास, निर्माण और उत्पादन को विकसित किया जा सके। भारतीय वायुसेना ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाली टीमों को निरंतर सलाह दी और मार्गदर्शन दिया। परिचालन आवश्यकताओं और प्रतियोगिता के उद्देश्यों के आधार पर उत्पादों का उड़ान और तकनीकी मूल्यांकन किया गया। प्रोटोटाइप का मूल्यांकन एयर फ़ोर्स एयर टू ग्राउंड रेंज में किया गया।
प्रतियोगिता का समापन 21 मार्च को पोखरण में पांच फाइनलिस्ट की क्षमताओं के प्रदर्शन के साथ हुआ था। प्रोटोटाइप की डिजाइन और विकास लागत की भरपाई भारतीय वायुसेना ने की थी। फाइनलिस्ट 24 अक्टूबर को वायु सेना स्टेशन, येलहंका में स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह के दौरान प्रदर्शनों का हिस्सा थे। इस कार्यक्रम के दौरान एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने टीम को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।