मिले 161 ​​फ्लाइट ​कैडेट्स वायु सेना को ​अधिकारी के रूप में

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​नौसेना के 6 और ​आईसीजी ​के 5 अधिकारियों​ को ​​’विंग्स’ से सम्मानि​​त किया गया

 ​​वायु सेना अकादमी​, ​डुंडीगल​​​​ में ​​कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड​ आयोजित की गई​



नई दिल्ली, 19 जून (हि.स.)​​​​।​​ ​हैदराबाद के ​​​डुंडीगल​ में स्थित ​​वायु सेना अकादमी से आज एयर फ़ोर्स को ​फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के ​लिए ​​​161 ​​फ्लाइट ​कैडेट्स अधिकारी के रूप में मिले​। भारतीय वायु सेना ​के प्रशिक्षण की सफल ​​परिणति को चिह्नित ​करते हुए शनिवार को ​​कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड​ आयोजित की गई। वायु सेना प्रमुख ​​एयर चीफ मार्शल आरकेएस ​​भदौरिया ने स्नातक ​​फ्लाइट ​कैडेट्स को सम्मानित किया। इस अवसर पर भारतीय ​​नौसेना के 6 अधिकारियों और भारतीय तटरक्षक बल के 5 अधिकारियों को भी प्रशिक्षण ​पूरा होने पर ​​’विंग्स’ से सम्मानि​​त किया गया।
समीक्षा अधिकारी ​​एयर चीफ मार्शल​ ​​​भदौरिया​ ​का स्वागत ​​वायु सेना ​​अकादमी​ के ​कमांडिंग-इन-चीफ ​​एयर मार्शल आरडी माथुर​ और ​कमांडेंट​​​​​ ​एयर मार्शल आईपी विपिन ​ने किया। वायु सेना प्रमुख को सामान्य सलामी दी गई और उसके बाद एक प्रभावशाली मार्च पास्ट किया गया। परेड का मुख्य आकर्षण ‘पिपिंग समारोह’ था, जिसमें स्नातक ​​फ्लाइट ​कैडेट्स ने अपनी ‘पट्टियां’ पहनी थीं​​। मुख्य अतिथि ​ने उन्हें ‘विंग्स’ और ‘ब्रेवेट्स’ से सम्मानित किया​​। नए कमीशन प्राप्त अधिकारियों को समीक्षा अधिकारी और अन्य गणमान्य की ​मौजूदगी में ​​अकादमी​ के कमांडेंट ​ने ‘शपथ’ दिलाई​​​​।
‘पिपिंग समारोह’ के बाद समीक्षा अधिकारी ने उन प्रशिक्षुओं को पुरस्कार प्रदान किए, जिन्होंने अपने प्रशिक्षण के विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। फ्लाइंग ब्रांच के फ्लाइंग​​ ऑफिसर प्रज्वल अनिल कुलकर्णी को पायलट कोर्स में योग्यता के समग्र क्रम में प्रथम स्थान पर रहने के लिए राष्ट्रपति की पट्टिका के साथ-साथ वायु सेना प्रमुख ​की तलवार से सम्मानित किया​​​​​। फ्लाइंग ऑफिसर कृतिका कुल्हारी को ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में योग्यता के समग्र क्रम में प्रथम होने के लिए राष्ट्रपति की पट्टिका से सम्मानित किया गया।​
परेड को संबोधित करते हुए​ वायुसेना प्रमुख ने ​गंभीर कोविड बाधाओं के बावजूद समय पर​ प्रशिक्षण पूरा करने के लिए एएफए और अन्य प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों की सराहना की।​ उन्होंने अभूतपूर्व और तेजी से विकसित हो रही सुरक्षा चुनौतियों का उल्लेख ​करते हुए युवा अधिकारियों को याद दिलाया कि वे एक ऐसे मोड़ पर भारतीय वायुसेना में प्रवेश कर रहे है​,​ जब प्रौद्योगिकियों और लड़ाकू क्षमताओं का वायु सेना में ​तेजी से विकास होने पर महत्वपूर्ण ​बदलाव हो रहा है​। उन्होंने प्रमुख स्वचालन और नेटवर्किंग परियोजनाओं के विकास और संचालन के साथ परिचालन पद्धतियों और कामकाज में बदलाव पर भी प्रकाश डाला। ​
उन्होंने कैडेट्स को ​अत्याधुनिक विमानों, हथियारों, सेंसरों और प्रौद्योगिकियों का पूर्ण ​उपयोग कर​के ​अपनी क्षमता साबित करने के लिए प्रोत्साहित किया​​। ​​​भव्य समारोह का समापन नए कमीशन अधिकारियों के ‘औल्ड लैंग सिने’ ​की पारंपरिक ​धुन पर धीमी गति से मार्च ​करने के साथ हुआ​​।​​ जूनियर कोर्स से उन्हें पहली सलामी मिली। इसके बाद वे सैल्यूटिंग डायस से आगे निकल गए और अकादमी के पोर्टलों से होकर गुजरे, जो भारतीय वायुसेना में उनकी यात्रा की शुरुआत का प्रतीक था​​।​ इस मौके पर पिलाटस पीसी-7 एमके-II, हॉक्स, किरण और चेतक ​ने फ्लाईपास्ट ​किया​। ​इसके साथ-साथ सारंग, सूर्यकिरण और आकाश गंगा स्काई डाइविंग टीम के प्रदर्शन ने स्नातक परेड में रंग और उत्साह जोड़ा​​।​​

 


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