चीन ने कर्ज में दबाकर पाकिस्तान को बनाया ‘मोहरा’

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वायु सेना प्रमुख ने चीन और पाकिस्तान के प्रति दुनिया को किया आगाह  सीपीईसी के कर्ज तले दबे पाकिस्तान की चीन पर सैन्य निर्भरता बढ़ी



नई दिल्ली, 29 दिसम्बर (हि.स.)। वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने मंगलवार को चीन और पाकिस्तान के प्रति दुनिया को आगाह करते हुए कहा कि चीन ने आर्थिक कर्ज में दबाकर पाकिस्तान को अपना मोहरा बना लिया है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी)के कर्ज तले दबे पाकिस्तान की चीन पर सैन्य निर्भरता बढ़ गई है। बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों ने चीन को मौका दिया कि वह अपनी बढ़ती ताकत का प्रदर्शन करे, जिससे वैश्विक सुरक्षा के मोर्च पर साझेदारी की कमी भी साफ झलकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के अफगानिस्तान से बाहर निकलने के बाद से चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए रास्ते खुल गए हैं। 
 
​​एयर चीफ मार्शल ​​भदौरिया ​मंगलवार को ‘​राष्ट्रीय सु​​रक्षा चुनौति​यां और वायु शक्ति​’ विषय पर ​​विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन​ की ओर से आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे​​​  एयर चीफ मार्शल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान तेजी से चीन की नीति का मोहरा बन रहा है​​। साथ ही बड़ी संख्या में तुर्की के हथियार पाकिस्तान को आपूर्ति किए जाने की बात सामने आ रही है। ​​उन्होंने कहा कि देश की उत्तरी सीमाओं ​पर ​’​गंभीर और मजबूत कार्रवाइयों​’​ ​को अंजाम दिया गया है​​​​भारत और चीन के बीच किसी भी तरह का गंभीर संघर्ष ​वैश्विक मोर्चे पर चीन के लिए ​​अच्छा नहीं है। यदि चीनी आकांक्षाएं वैश्विक हैं तो यह उनकी भव्य योजना के अनुरूप नहीं है​​। चीन​ ने एलएसी के साथ बड़ी संख्या में अपनी सेना तैनात ​की है। उनके पास रडार, सतह से हवा में मिसाइल और सतह से सतह पर मिसाइल की बड़ी मौजूदगी है​ लेकिन हमारी भी सीमा पर तैनाती मजबूत रही है​​ 
 
जब उनसे पूछा गया कि उत्तरी सीमाओं पर ​चीन ​की ​इस ​कार्रवाई के ​पीछे उनके क्या उद्देश्य​ ​हो सकते हैं? तो उन्होंने कहा कि यह​ महत्वपूर्ण है कि हमने समय रहते जान लिया कि वे वास्तव में क्या हासिल करना चाहते हैं और हमने ​जवाब में सभी आवश्यक कार्रवाई की है​​​​​​​ वायु सेना प्रमुख​ ​भदौरिया ने​ कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक मोर्चे पर विकसित अनिश्चितताओं और अस्थिरता ने चीन को अपनी बढ़ती शक्ति का प्रदर्शन करने का मौका दिया है​ अप्रत्यक्ष रूप से यह वैश्विक सुरक्षा के लिए प्रमुख शक्तियों के अपर्याप्त योगदान को भी सामने लाया है।​ ​दक्षिण एशिया अब प्रमुख शक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा का केंद्र बन रहा है। इसके साथ ही अब हम क्षेत्र की यथास्थिति में बदलाव के प्रयास बढ़ते देख रहे हैं​​ ​उन्होंने कहा कि हम चाहे जितने सैन्य अभ्यास ​अन्य देशों के साथ कर​ लें लेकिन हमें अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी​ ​किसी भी संघर्ष में हमारी अपनी क्षमताएं होनी चाहिए​​।​
 
​एयर चीफ ने पाकिस्तान में आने वाले तुर्की ​के ​हथियारों पर जोर​ देते हुए कहा कि ​हम ​​​मौजूदा समय में ​पाकिस्तान के साथ 1971 की स्थिति से बहुत आगे हैं​​​​​​।​​ ​​​अफगानिस्तान से अमेरिका के हटने ​के बाद हिंसा भड़की है और पाकिस्तान ​बीच में ​कूद​कर खुद को प्रासंगिक ​बनाने की कोशिश कर रहा है​​​।​ उन्होंने कहा कि ​​चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी)​ से संबंधित बढ़ते कर्ज के जाल में​ फंसे पाकिस्तान की भविष्य में ​चीन पर ​और सैन्य निर्भरता होगी।​ ​​​एयर चीफ मार्शल ने आगे कहा कि छोटे देश और अलगाववादियों की मदद से चीन को ड्रोन जैसे कम लागत वाली तकनीक आसानी से उपलब्ध हो जा रहे हैं, जिससे वह प्रतिकूल प्रभाव पैदा करने में सफल हो रहा है।​ ​​उन्होंने कहा कि चीन एशिया महाद्वीप के छोटे देश जैसे नेपाल, पाकिस्तान और म्यांमार को आर्थिक रूप से मदद कर​के भारत समेत कई देशों को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है। इस प्रयास के माध्यम से चीन अपने व्यापार को बढ़ाने की कोशिश में भी लगा है।​ ​
 

 


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