मुझे अब नहीं रहना सीएम, एनडीए जिसे चाहे बना दे मुख्यमंत्री : नीतीश

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पद की चाहत नहीं, दबाव में सम्भाला मुख्यमंत्री का पद कहा, स्वार्थ के लिए नहीं करता काम, हमने कभी नहीं किया समझौता  



 पटना27 दिसम्बर (हि.स.) । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान बड़ा बयान दिया है। रविवार को उन्‍होंने जदयू की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दो टूक अंदाज में कहा कि मुझे अब सीएम नहीं रहना। एनडीए गठबंधन जिसे चाहे सीएम बना दे। यहां भाजपा का ही सीएम हो। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे किसी पद का मोह नहीं है। नीतीश कुमार के इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के चुनाव के बाद बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि मुझे पद की कोई चाहत नहींइच्छा नहीं कि पद पर रहूं। चुनाव परिणाम आने के बाद मैंने अपनी यह इच्छा गठबंधन के समक्ष जाहिर भी कर दी थी। पर दबाव इतना अधिक था कि मुझे फिर से मुख्यमंत्री का काम संभालना पड़ा। नीतीश कुमार ने कहा कि हम स्वार्थ के लिए काम नहीं करते। आजतक हमने कभी किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया है।

अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायकों के भाजपा में चले जाने के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या हुआ अरुणाचल में। छह के जाने के बाद भी वहां जदयू का एक विधायक डटा रहा। पार्टी की ताकत को समझिए। हमें सिद्धांतों के आधार पर ही लोगों के बीच जाना है। नफरत का माहौल बनाया जाता है। हमलोग नफरत के खिलाफ हैं। एक-एक काम लोगों के हित के लिए किया गया। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को गुमराह किया जा रहा है। वह चाहेंगे कि अच्छी बातें सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच प्रचारित हो। समाज में किसी तरह का मतभेद नहीं हो।

पार्टी नहीं छोड़ाअब भी करते रहेंगे काम

राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से खुद को मुक्त किए जाने की बात भी अपने संबोधन के क्रम में उन्होंने विस्तार से रखी। उन्होंने कहा कि हमने पार्टी छोड़ा नहीं है। रात-दिन पार्टी के काम में लगे रहते हैं। व्यस्तता की वजह से पार्टी के अध्यक्ष पद का काम ठीक से नहीं देख पा रहा था। उनकी इच्छा है कि पार्टी के संगठन का विस्तार होना चाहिए। इसके लिए लोग दूसरे राज्यों में समय दें। इस दिशा में काफी काम होना चाहिए। मैंने जानबूझकर यह किया है ताकि ज्यादा से ज्यादा समय लोगों को दे सकूं। बता दें कि पटना में  जदयू की दो दिवसीय राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। रविवार को बैठक का दूसरा और अंतिम दिन था। इसके बाद जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्‍यागी ने रविवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर कहा कि जदयू ने अरूणाचल प्रदेश की घटना पर क्षोभ व्‍यक्‍त किया है। जदयू के छह विधायकों को भाजपा ने मंत्रिमंडल में शामिल करने की बजाय उन्‍हें अपने दल में ही शामिल कर लिया है। यह अच्‍छा नहीं किया। हमें इसपर बेहद दुख है। यह गठबंधन की राजनीति के लिए अच्‍छा संकेत नहीं है। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अरूणाचल प्रदेश की घटना से बेहद दुखी हैं। उनका यह ताजा बयान इसी घटना से जोड़कर देखा जा रहा है।

 


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