मैं मराठी भी हूं और हिंदू भी : राज ठाकरे

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राज ठाकरे ने कहा, भगवा मेरे डीएनए में है



मुंबई, 23 जनवरी (हि.स.)। पार्टी का झंडा बदलने के साथ ही मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपने भाषण की शैली भी बदल दी है। पार्टी के पहले महाधिवेशन में राज ठाकरे ने इकट्ठा हुए मेरे तमाम हिंदू भाइयों, बहनों और मताओं.. से अपने भाषण की शुरुआत की। शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहेब ठाकरे भी अपने भाषण की शुरुआत इसी अंदाज में करते थे। राज ने कहा कि भगवा मेरे मूल डीएनए में हैं। झंडे का रंग बदलने का अर्थ यह नहीं है कि मैं बदल गया हूं। मैंने धर्म परिवर्तन नहीं किया है। मैं मराठी भी हूं और हिंदू भी हूं।
राज ठाकरे ने कहा कि अगर धर्म के नाम पर नाखून मारने की कोशिश की गई तो हिंदू और मराठी भाषियों पर आंच आई तो मराठी होने के नाते मुकाबला करेंगे। राज ने कहा कि मुझे चुनाव नहीं लड़ना है, मुझे संगठन चलाना है। जिसे संगठन में काम करना है वे पार्टी कार्यालय में आकर अपना पंजीकरण कराएं। उन्होंने सोशल मीडिया पर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले पार्टी नेताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज ने कहा कि सफलता में बाप बहुत होते हैं और असफलता में सलाहकार ज्यादा होते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में जब पार्टी की स्थापना की तभी केसरिया झंडे का मन था लेकिन कई समाज के लोग साथ आए इसलिए पार्टी के झंडे में हरे रंग का भी इस्तेमाल किया। मेरा मूल डीएनए यही है जो नए झंडे के रंग का है।
मनसे अध्यक्ष ने कहा कि झंडे में छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल की मुद्रा है। इसलिए हमारा दायित्व है कि हम उनके सम्मान को बनाए रखें। यह कोई साधारण झंडा नहीं है। चुनाव के समय इस झंडे का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। लिहाजा अब महाअधिवेशन में नए झंडे को लॉन्च किया गया है।
राज ने कहा कि झंडा बदलना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले जनसंघ ने भी झंडा और नाम बदला था। वर्ष 1980 में जनसंघ का नाम बदलकर भारतीय जनता पार्टी कर दिया गया था। पार्टी के झंडे का रंग बदलने का मतलब यह नहीं है कि राज ठाकरे बदल गया है। मैं वही व्यक्ति हूं। मेरे विचार वही हैं, जैसे वे अतीत में थे। राज ठाकरे ने शिवसेना पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मैं रंग बदलकर सरकार में जाने वाला नहीं हूं।

 


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