पूर्णबन्दी में यूपी सरकार के दो माह : 17.77 करोड़ अंतिम व्यक्तियों तक पहुंचाया अन्न
गोरखपुर, 02 जून (हि.स.)। किसी भी सरकार में सच्चे लोकतंत्र की आंकलन के लिए उसके कार्यकाल में आई आपदा या महामारी ही उसके मूल्यांकन का सही समय होता है। कोरोना संकट काल भी केंद्र और प्रदेश सरकारों के मूल्यांकन का एक ऐसा ही समय है। केंद्र के साथ सभी प्रदेश सरकारों ने इस काल में खुद को जन हितैषी सिद्ध करने में लगातार सकारात्मक कदम उठाए हैं। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने भी इस दिशा में ठोस कार्य किया है।
हिन्दुस्थान समाचार ने प्रदेश सरकार द्वारा पूर्णबन्दी के दौरान प्रदेश के खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा समाज के अंतिम व्यक्तियों तक पहुंचाए गए राशन की तस्दीक की। विभाग के आंकड़ों में दिखने वाले प्रयासों पर नजर दौड़ाई। यूपी सरकार के संवेदनशीलता और सहृदयता के उस दावे को भी परखा, जिसमें समाज के अंतिम व्यक्ति तक की चिंता की बात कही गयी है। सामने आए आंकड़े यह बताने को काफी हैं कि प्रदेश सरकार ने गरीबों को न सिर्फ जरूरत के मुताबिक आर्थिक सहयोग दिया, बल्कि पूर्णबन्दी के इस दो माह में 17.77 करोड़ गरीब परिवारों व जरूरतमंदों को 29.66 लाख मीट्रिक टन राशन आबंटित भी किया गया।
जब गरीब चिंतित थे तब बन चुकी थी योजना
पूर्णबन्दी में जब गरीब तबका अपने भोजन की व्यवस्था के लिए चिंता में था, तब तक योगी सरकार ने इनके खाने की व्यवस्था का खाका तैयार कर लिया था। पूर्णबन्दी में बिना देर किए ही सरकारी अन्न भंडारों के दरवाजों को आम जनता के लिए खोल दिया गया। दो महीने से 03.55 करोड़ लोगों को हर महीने दो बार राशन मुहैया कराया जाने लगा। पांच चरणों के इस अभियान में 17.77 करोड़ लोगों को चावल, चना और गेहूं उपलब्ध करा उनकी भूख शांत करवा चुकी है।
पांचवें चरण के पहले दिन बना कीर्तिमान
खाद्य एवं रसद विभाग ने पहली जून से शुरू हुए पांचवें चरण के पहले दिन ही 31 लाख 12 हजार 258 राशन कार्ड पर 81,438.163 मीट्रिक टन खाद्यान्न को गरीबों व जरूरतमन्दों तक पहुंचाया है। इसमें 78,325.90 मीट्रिक टन चावल और 3,112.25 मीट्रिक टन चना शामिल रहा। इतना ही नहीं, इसके अलावा 11 लाख 34 हजार 942 राशन कार्डों पर 35,493.292 मीट्रिक टन नि:शुल्क खाद्यान्न भी बांटा गया है।
1212 प्रवासी श्रमिकों को भी मिला
देश के अन्य राज्यों से वापस हुए प्रवासी 1212 श्रमिकों को 16.696 मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध करवा कर प्रदेश सरकार ने अपनी सहृदयता दिखाई है। इनमें 440 शहरी श्रमिकों में 06.409 मीट्रिक टन और ग्रामीण क्षेत्र के 772 श्रमिकों को उपलब्ध कराया गया है। 10.287 मीट्रिक टन इस खाद्यान्न में चावल, चना और गेहूं शामिल है।
चार चरण पूरा, पांचवां है शुरू
प्रदेश सरकार ने अब तक चार चरणों में राशन आबंटन का कार्य परवान चढ़ाया है। पांचवां चल रहा है। अप्रैल में शुरू हुए प्रथम चरण में 03 करोड़ 53 लाख 63 हजार 963 लोगों में 747,324.650 मीट्रिक टन खाद्यान्न का आबंटन हुआ था। इसमें 96 लाख 22 हजार 404 लोगों को 265,360.285 मीट्रिक टन खाद्यान्न नि:शुल्क वितरित हुआ।
दूसरे चरण के अप्रैल में ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 03 करोड़ 57 लाख 39 हजार 226 लोगों को 686,145.660 मीट्रिक टन चावल का उपलब्ध कराया गया था। इसमें 3 करोड़ 32 लाख 43 हजार 846 लोगों को 686,145.660 मीट्रिक टन नि:शुल्क चावल मिला।
मई में शुरू हुए तीसरे चरण के खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम के तहत 03 करोड़ 53 लाख 19 हजार 530 लोगों को 756,626.490 मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया था। 95 लाख 17 हजार 698 लोगों को 264,372.405 मीट्रिक टन नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया।
इसी माह में चौथा चरण भी चलाया गया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में 03 करोड़ 55 लाख 43 हजार 683 लोगों को 694,468.060 मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरण कर प्रदेश सरकार ने गरीबों की भूख की पीड़ा पर मरहम लगाने का प्रयास किया था। इसमें भी 03 करोड़ 34 लाख 85 हजार 84 लोगों को 694,468.060 मीट्रिक टन नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का कार्य परवान चढ़ाया गया था।