’70 सालों में पहली बार मोदी सरकार ने लिए साहसिक निर्णय’

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लॉस एंजेल्स 10 फ़रवरी (हिस): सान फ़्रांसिस्को स्थित भारतीय राजदूत संजय पांडा ने कहा है कि मोदी सरकार ने अपनी दूसरी पारी में ऐसे साहसिक निर्णय लिए हैं, जो सत्तर सालों में किसी ने नहीं लिए। कश्मीर में अनुछेद 370 और 35ए हटाना हो, संसद में तीन तलाक बिल पास करवाना हो या फिर नागरिकता संशोधन अधिनियम हो, मोदी सरकार ने एतिहासिक कदम उठाए हैं।  उन्होंने कहा कि सरकार के इन फ़ैसलों के बारे में सवाल खड़े करने का कोई औचित्य नहीं है। कश्मीर के संदर्भ में उन्होंने कहा कि एक ही देश में दो विधान और दो राष्ट्रीय ध्वज कैसे हो सकते हैं? इसे लम्बे समय तक क्यों चलने दिया गया?
हिंदू स्वयं सेवक संघ के एक एक अग्रणी संगठन ‘भारतीय विचार मंच’ की ओर से आर्टिशिया काउंटी के प्रवासी भारतीयों के गढ़  ‘सेरिटास’ लाइब्रेरी में सीएए पर रविवार को एक सेमीनार आयोजित किया गया था। प्रवासी भारतीयों से खचाखच भरे हाल में पांडा ने कहा कि कांग्रेस में एक डेमोक्रेट सांसद की ओर से नागरिकता संशोधन अधिनियम पर अंगुली उठाने वाले एकमात्र डेमोक्रेट सांसद के तर्क-वितर्क का मामला हो अथवा देश के पश्चिमी क्षोर पर वाशिंगटन स्टेट से भारतीय मूल की कांग्रेस में प्रतिनिधि प्रोमिला जयपाल की ओर से प्रदर्शन किए जाने का सवाल हो, उन्हें भली भाँति भारतीय पक्ष के बारे में लिखित में बताया समझाया गया था। गोष्ठी के उपरांत सवाल जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि सिएटल नगर काउंसिल में भारतीय मूल की एक दिग्भ्रमित सदस्य छाया सावंत की ओर से सीएए के विरुद्ध प्रस्ताव पारित किए जाने का कोई औचित्य नहीं था। उन्होंने इस बारे में सभागार में बैठे सेरिटास के मेयर भारतीय मूल के नरेश सोलंकी की ओर इशारा करते हुए पूछा कि क्या इस तरह का प्रस्ताव पारित करना उनके अधिकार क्षेत्र में आता है? इस पर नरेश सोलंकी ने ज़ोर देकर कहा कि यह  नगर काउंसिल के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है। उन्होंने कहा कि इस सेमीनार में कश्मीर संगठन से डाक्टर अमृत नेहरू, डॉ. जसू पटेल और भारत-बांग्लादेश मामले में जानकार सनमय मुखोपाध्याय ने चर्चा में भाग लिया। इस सभा का संचालन विचार मंच के अमित देसाई और प्रवीण तंवर ने किया। उन्होंने खेद जताया कि सीएए को हिंदू मुस्लिम की निगाह  से देखा जा रहा है।
पांडा ने कहा कि भारतीय मीडिया भ्रमित है और जानकारी के अभाव में सीएए के विरुद्ध प्रचार प्रसार में लगी है। अमेरिका में बड़े अख़बारों में सीएए के बारे में जो अनर्गल प्रकाशित हुआ है, वह भारत से मिले एकतरफा विचार के आधार पर है। उन्होंने कहा कि जो पहले से पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं, और उनके एजेंडे उसी पूर्वाग्रह के आधार पर पहले से तय हैं, उन्हें समझाना नामुमकिन है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने विवशता प्रकट की  कि अमेरिका में एक समूह भारत की छवि ख़राब करने के लिए पूरे समय तक धन, जन बल के प्रयोग में लगा है, जबकि उनके पास तो इतने संसाधन ही नहीं हैं। पांडा ने ज़ोर दिया कि इसके लिए प्रत्येक प्रवासी भारतीय को सजग रहना ज़रूरी है। भारत सरकार की बड़ी योजनाओं के बारे में प्रवासी भारतीय डायसपोरा दूतावास को सूचित करता है और उसे निमंत्रित करता है, तो उनके अधकारी निमंत्रण स्वीकार करते हैं।

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