हांगकांग, 24 अक्टूबर (हि.स. )। प्रदर्शनकारियों के समक्ष अंतत: हांगकांग प्रशासन को झुकना ही पड़ा है। प्रांतीय विधानसभा ने बुधवार को विवादास्पद प्रत्यर्पण विधेयक वापस ले लिया है। लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शन थमने के आसार बहुत कम हैं, क्योंकि सरकार ने पांच मांगों में से सिर्फ एक ही मानी है।
विदित हो कि प्रत्यर्पण विधेयक के पारित होने से हांगकांग में आपराधिक मामलों के संदिग्धों को मुकदमा का सामना करने के लिए चीन भेजा जा सकता था। इसी विधेयक के विरोध में पांच महीने पहले आन्दोलन शुरू हुआ था जो आज तक जारी है। इस दौरान लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी हिंसक भी हुए। झड़प होने पर पुलिस ने उन पर बल प्रयोग भी किया। दरअसल प्रदर्शनकारी इस विधेयक को अपनी स्वायतत्ता पर कुठाराघात मान रहे थे, जबकि चीन उनके विरोध को अपनी संप्रभुत्ता की चुनौती के रूप में देख रहा था।
आन्दोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई और मांगें भी शामिल कर ली जिनमें शहर की मुख्य प्रशासक कैरी लाम का इस्तीफा और पुलिस ज्यादती की निष्पकक्ष जांच भी शामिल हैं।